जेपी के हजारों निवेशकों के सामने संकट, नोएडा में कंपनी के पांच प्रोजेक्ट में बन रहे हैं 68 टावर, करीब 32 हजार निवेशक होंगे प्रभावित

380 By 7newsindia.in Fri, Aug 11th 2017 / 06:09:10 राष्ट्रीय समाचार     
बिल्डर व बैंकों की मुसीबत भी बढ़ गई है। कई बिल्डर जेपी स्पोट्र्स सिटी में जमीन खरीदकर अपने प्रोजेक्ट लांच कर चुके हैं। ऋण भुगतान न होने पर बैंकों ने भी बिल्डर की संपत्ति को अधिगृहीत किया है। यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण के एवज में यमुना प्राधिकरण ने जेपी समूह से हुए समझौते के तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, अलीगढ़ व आगरा में पांच-पांच सौ हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इसके अलावा प्राधिकरण ने जेपी समूह को दनकौर के निकट एसडीजेड के लिए करीब एक हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। इस जमीन पर स्पोट्र्स सिटी बनाया गया है। इसमें अंतरराष्ट्रीय बुद्ध सर्किट, क्रिकेट स्टेडियम समेत आवासीय प्रोजेक्ट हंै। जेपी ने स्पोट्र्स सिटी में नेचर व्यू, आवासीय भूखंड, बुद्ध सर्किट एक, बुद्ध सर्किट दो के प्रोजेक्ट लांच किए। इसमें करीब साढ़े तीन हजार निवेशकों ने बुकिंग कराई। इसके अलावा अन्य बिल्डरों को भी ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन बेची गई। फ्लैट पर कब्जा न मिलने की वजह से निवेशकों काफी समय से अपनी धनराशि वापस मांग रहे थे। प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने हाल में तीन प्रोजेक्ट के निवेशकों को एक वर्ष की चार किस्तों में ब्याज समेत धनराशि वापस करने के आदेश भी दिए थे।
जेपी गोल्फ कोर्स को लेकर भी असमंजस 
ग्रेटर नोएडा में पांच सौ एकड़ में फैले जेपी समूह के 18 होल गोल्फ कोर्स को लेकर भी असमंजस पैदा हो गया है। जेपी समूह ने इसमें फ्लैट व विला बनाकर बेचे हैं। इनकी कीमत तीन करोड़ से लेकर करीब दस करोड़ तक है। इसके अलावा फाइव स्टार होटल, रिजॉर्ट, इंटीग्रेटिड स्पोट्र्स कांप्लेक्स है। गोल्फ कोर्स में रहने वालों की रातों की नींद उड़ गई है।
कंपनी ने खुद ही खींच लिए थे कदम
कंपनी ने बैंक की याचिका पर आपत्ति तो दाखिल की थी, लेकिन इसे वापस ले लिया था। इसके बाद बैंक ने औपचारिक रूप से याचिका दाखिल की, जिसे स्वीकार करते हुए कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इन्वाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2016 की धारा-7 के तहत कार्याधिकारी अनुज जैन की नियुक्ति की गई है।
करोड़ों रुपये की देनदारी 
जेपी समूह पर यमुना प्राधिकरण की करोड़ों रुपये की देनदारी है। प्राधिकरण ने 671 करोड़ रुपये बकाया भुगतान न होने पर जेपी समूह का आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी थी। जेपी समूह ने 410 करोड़ रुपये जमा कराकर रिशिड्यूलमेंट के लिए आवेदन किया है। जेपी समूह के प्रभावित किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजा देने के लिए भी करोड़ों रुपये की देनदारी है।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर