UP : ऑक्सीजन सप्लाई बंद हुई थी, पर इस वजह से बच्चों की मौतें नहीं हुईं: UP सरकार.....

446 By 7newsindia.in Sat, Aug 12th 2017 / 16:25:56 कानून-अपराध     

यूपी में गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल में 60 बच्चों समेत 63 लोगों की मौत हो गई। विवाद बढ़ने के बाद योगी सरकार ने शनिवार को सफाई दी। हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- ''हमने जांच की है और हम इस निष्कर्ष पर आए हैं कि गैस सप्लाई बाधित होने से बच्चों की मौत नहीं हुई है। मामले में लापरवाही बरतने की वजह से कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है। दोषियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।" उन्होंने माना कि हॉस्पिटल की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अगस्त से अलग-अलग बीमारियों की वजह से 60 बच्चों की मौत हुई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में हो हुआ वह गलत है। उधर, कांग्रेस, एसपी और बीएसपी समेत विपक्ष ने योगी से इस्तीफा मांगा है। मायावती ने कहा कि बीजेपी की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। मंत्री ने कहा- ये सरकार संवेदनशील सरकार है...

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- ''हम लोगों ने लगभग साढ़े तीन-चार घंटे हर पहलू को बारीकी से देखा है। जो बात सामने आती है, उसका जिक्र मैं करूंगा। 9 अगस्त को सीएम योगी बीआरडी आए थे। उन्होंने यहां चर्चा भी की, लेकिन इस मामले (लिक्विड गैस सप्लाई) को उनके सामने किसी ने रखा नहीं।''   ''ये सरकार संवेदनशील सरकार है। अगर एक बच्चे की मौत भी हो तो उसकी जानकारी होनी चाहिए। हमने फिगर निकलवाएं हैं, जो आपके सामने रखना चाहूंगा। एक दिन में हुई 23 मौतों को हम कम आंकने का प्रयास नहीं कर रहे।''

मेडिकल कॉलेज में हर रोज होती हैं 17-18 मौतें

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- ''2015 में अगस्त महीने में 668 मौतें हुई, जिसका एवरेज 22 लोग प्रतिदिन है। 2016 के अगस्त महीने में 587 मौतें हुईं, इसका एवरेज 19 प्रतिदिन है। साल भर में भी 17-18 प्रतिदिन मौतें होती हैं। मेडिकल कॉलेज में लोग लास्ट स्टेज में आते हैं। यही कारण है कि किसी भी मेडिकल कॉलेज में डेथ का ये ट्रेंड दिखेगा।''   ''हमने इन आंकड़ों पर जांच करनी शुरू की। हमने देखा कि गुरुवार (10 अगस्त) को 23 डेथ हुई है, उसमें क्या कारण है। साथ ही साथ यह विषय आया कि गैस सप्लाई का तो उस पर भी हमने नजर रखी। गैस सप्लाई 10 तारीख को साढ़े सात बजे शाम को खत्म होने से पहले बीप करना शुरू किया, जिसका मतलब गैस सप्लाई लो होने लगी। लेकिन तुरंत ही गैस सिलेंडर के आधार पर सप्लाई शुरू करा दी गई। इसके बाद साढ़े 11 बजे वो खत्म हो गई।''   ''इसके बाद हमने एंबू बैग को पंप करना शुरू कर दिया था। डेढ़ बजे गैस की सप्लाई आ गई थी। लिक्विड गैस की सप्लाई अभी नहीं हो रही थी। साढ़ 11 बजे से डेढ़ बजे तक मौत नहीं हुई। हम इस निष्कर्ष से पर आए हैं कि गैस सप्लाई बाधित होने से बच्चों की मौत नहीं हुई है। विभाग हमारे मित्र आशुतोष टंडन का है वो इस विषय में बोलें तो ज्यादा सही होगा।''

डीलर को भुगतान भेज दिया गया था

मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर आशुतोष टंडन ने कहा- "ये गैस सप्लाई इसलिए बाधित हुई कि जो डीलर है उसका भुगतान बाकी था। 1 तारीख को डीलर ने प्रिंसिपल को लेटर लिखा था। 5 तारीख को भुगतान भेज दिया गया था। प्रिंसिपल का कहना है कि 7 को भुगतान उन्हें मिला।" " डीलर का कहना है कि 11 को उसे पैसे मिले। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस भुगतान में देरी क्यों हुई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल रूप से निलंबित करते हैं। मुख्य सचिव की अध्यक्ष में जांच करा रहे हैं।"

योगी ने कहा- जो हुआ, वो बहुत गलत हुआ

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मरीज इंसेफलाइटिस बीमारी से ग्रसित थे, जो गन्दगी की वजह से पनपती है। वहां जो कुछ भी हुआ है, वह गलत हुआ है। जांच कराई जा रही है। किसी दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। क्यों, कैसे का कोई जवाब सुनने की गुंजाइश नहीं बची है। कार्रवाई होगी और निश्चित होगी, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हों।" "इस मामले में जांच की जा रही है, जवाब सुनने की कोई गुंजाइश नहीं बची... दोषी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।"

केंद्रीय अनुप्रिया पटेल ने कहा- घटना से पीएम मोदी दुखी हैं

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा- इस घटना से पीएम मोदी बहुत दुखी हैं। मैं जल्द गोरखपुर पहुंच रही हूं ताकि वहां के हालातों की जानकारी ली जा सके।  हेल्थमिनिस्टर जेपी नड्डा ने अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर जाने को कहा है। साथ ही यूपी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन से डिटेल रिपोर्ट मांगी है।

विपक्ष ने कहा- योगी इस्तीफा दें, बीजेपी की जितनी निंदा की जाए उतनी कम

कांग्रेस ने कहा- योगी इस्तीफा दें, राज्य में जंगलराज

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और आरपीएन सिंह ने शनिवार को हॉस्पिटल का दौरा किया। बाद में आजाद ने कहा- "इस घटना से देश आहत हुआ है। सरकार की लापरवाही की वजह से बच्चों के परिवारों को दुख पहुंचा है। यूपी के सीएम, हेल्थ मिनिस्टर और हेल्थ सेक्रेटरी को फौरन इस्तीफा देना चाहिए। ये उनकी जिम्मेदारी है, वो पीछे नहीं हट सकते हैं। इसमें डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है। हमने पहले भी हॉस्पिटल में मदद की है।" "राज्य में जंगलराज हो गया है। 5 दिन में 60 बच्चों की हत्या हुई। मौत के बाद बच्चों के परिवार को जल्दबाजी में घर पहुंचा दिया गया, ताकि वो किसी के सामने न आ सकें। लापरवाही की जांच के लिए सांसदों की एक कमेटी बननी चाहिए।"

बीएसपी ने कहा- बीजेपी की जितनी निंदा की जाए उतनी कम

मायावती ने कहा- "बीजेपी का स्वभाव गलतियों को स्वीकार करने वाला नहीं है। जांच करके सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मासूम बच्चों की मौत पर सीएम को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। इस मामले में सरकार की उदासीनता है। इस दर्दनाक घटना के लिए बीजेपी की जितनी निंदा की जाए उतनी कम होगी।"

एसपी बोली- बच्चों की फैमिली को छिपाकर निकाला गया

 खिलेश यादव ने कहा- ''हमारी पार्टी के नेता जाकर वहां मेडिकल कॉलेज में बातचीत करके हमें बताएंगे। जब शरुआत हुई तो सरकार ने स्वीकार ही नहीं किया। सच्चाई ये है कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने चिट्ठी भी लिखी थी कि अगर पेमेंट न मिला तो हमें सप्लाई रोकनी होगी। साफ है कि ऑक्सीजन की कमी से ही मौत हुईं।''  ''बच्चों के परिजनों को छिपाकर बाहर निकाला गया। एडमिशन कार्ड में भी हेराफरी हुई है। अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री वहां गए थे। हमने तो अखबारों में तस्वीरें देखी थी। मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा भी की थी तो उनके सामने ये बात आई होगी।''

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