गोरखपुर ट्रेजडी: ऑक्सीजन कंपनी ने 14 रिमाइंडर्स भेजे, नहीं किया गया पेमेंट....

330 By 7newsindia.in Sun, Aug 13th 2017 / 07:20:38 राष्ट्रीय समाचार     

यूपी के गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त से अब तक 30 बच्चों की मौत हो गई। यूपी सरकार ने ये बात कही, लेकिन इससे इनकार किया कि मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी है। बता दें कि 7 अगस्त से अब तक बीआरडी में 60 बच्चों समेत 63 लोगों की मौत हो गई है। कहा जा रहा है कि ये मौतें ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद करने की वजह से हुई। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के एडवोकेट विवेक गुप्ता ने शनिवार को बताया- "कंपनी की तरफ से पेंडिंग पेमेंट के भुगतान के लिए बीआरडी कॉलेज को 14 रिमाइंडर भेजे गए। इसके बाद भी पेमेंट नहीं मिला। इस वजह से 4 अगस्त को आख‍री बार टैंकर भेजा गया और सप्लाई बंद कर दी गई।


विवेक गुप्ता बताया कि, ''कंपनी की ओर से मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को 26 फरवरी से 18 जुलाई 2017 के बीच कुल 14 रिमाइंडर भेजे गए थे। इसमें 26, 28 फरवरी, 6, 12, 17 और 24 अप्रैल, 2, 16 और 29 मई, 3, 6, 13 और 28 जून और 18 जुलाई 2017 के बीच रिमाइंडर भेजे गए।''
- ''इन रिमाइंडर में कंपनी का 63,65,702 रुपए बकाया भुगतान करने की बात कही गई थी। इतने रिमाइंडर के बाद भी प्रिंसिपल की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद 30 जुलाई 2017 को कंपनी की ओर से लीगल नोटिस भेजा गया था। लीगल नोटिस में साफ तौर से लिखा गया था कि भुगतान न होने पर तीसरा पक्ष (आई नॉक्स) आपूर्ति जारी रखने में परेशानी खड़ी कर रहा है।''
4 अगस्त को आखि‍री बार भेजा गया टैंकर
- गुप्ता ने बताया- "जब हमारे नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया तब 1 अगस्त को कंपनी ने आखिरी चेतावनी दी थी। 4 अगस्त से मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई। प्रिंसिपल की ओर से भुगतान न करने की वजह बजट का न होना बताया जाता था। ये वही बता सकते हैं कि बजट क्यों नहीं मिल सका।''
मामला क्या है?
-यूपी के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले पांच दिनों में 63 मौतें हुईं।
इस ट्रेजडी के बाद विपक्ष योगी सरकार पर हावी हो गया। अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस ने सीएम योगी से इस्तीफा तक मांग लिया। आनन-फानन में लखनऊ से दो मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और आशुतोष टंडन को गोरखपुर भेजा गया। बाद में इन दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में सफाई दी।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला के मुताबिक, 10 अगस्त से अब तक करीब 30 बच्चों की मौत हुई है। उधर, यूपी के हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि 7 अगस्त से अब तक 60 बच्चों की मौत हुई है।
- शनिवार को शाम को हेल्थ मिनिस्टर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि - 10 अगस्त को बच्चों की 23 मौतें और अगले दिन 7 बच्चे जुड़ गए। इस तरह दो दिन में 30 मौतें हुईं।"
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
1) कोई भी कंपनी अचानक सर्विस बंद नहीं कर सकती
- यूपी हेल्थ डिपार्टमेंट में एडिशनल डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन रहे डॉ. आरबी सिंह के मुताबिक- ''हेल्थ सर्विसेस सेक्टर में किसी भी कम्पनी को ये अधिकार नहीं है कि वह अचानक से अपनी सर्विस देना बंद कर दे। फिर चाहे वह मैन पावर प्रोवाइडर कम्पनी हो या फिर गैस सप्लाई कम्पनी।'' 
- ''बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गैस की सप्लाई बंद होने से जितने भी मरीजों की डेथ हुई है उसके लिए ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी दोषी है। लेकिन इसके लिए अकेले कंपनी को जिम्मेदार ठहराना भी सही नहीं होगा। इसके लिए मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसर और प्रदेश सरकार के मंत्री भी बराबर जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने समय रहते इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं किया।''
2) लापरवाही से हुआ हादसा नहीं हत्या हैं गोरखपुर में हुईं मौतें
- दिल्ली हाई कोर्ट के क्रिमिनल लॉयर अरुण शर्मा ने बताया- " यह मामला लापरवाही में हुआ हादसा नहीं है। यह गैर-इरादतन हत्या का मामला है। मामले में गैस सप्लाई करने वाली कंपनी को पता था कि अगर मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी तो उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। साथ ही अस्पताल को पता था कि अगर बकाया भुगतान नहीं किया जाएगा तो कंपनी गैस सप्लाई रोक देगी और मरीजों की जान जा सकती है। दोनों पक्षों के साथ ही वे सभी लोग जिम्मेदार हैं जिन्हें कंपनी ने बकाया भुगतान का लीगल नोटिस भेजा था।"

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