शिक्षा विभाग के संरक्षण में : एक मान्यता पर दो स्कूल चला रहा ज्योति हायर सेकंडरी स्कूल

670 By 7newsindia.in Sun, Sep 3rd 2017 / 11:15:36 कानून-अपराध     

रीवा : छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में फरार चल रहा शहर के नामचीन ज्योति हायर सेकंडरी स्कूल का प्राचार्य फादर डेनिम सेबेस्टियन शिक्षा विभाग और अभिभावकों के साथ भी कई साल से फ्रॉड करता आ रहा है। एक मान्यता पर सालों से दो स्कूल चला रहा है। विभागीय जांच में इसका खुलासा हुआ है। पहले से तय तारीख 1 सितंबर को जब रमसा प्रभारी पीएल मिश्रा सहित पांच सदस्यीय टीम जब ज्योति स्कूल की ही संस्था ज्योति किंडर गार्डन जांच करने पहुंची तो आरोपी फादर ने कोई दस्तावेज नहीं दिखाए। उल्टे फोन लगाकर पुलिस को बुला लिया। हालांकि विभागीय जांच टीम का पता चलने के बाद पुलिस लौट गई, लेकिन इससे पुलिस का वह झूठ सामने आ गया जिसमें पुलिस मीडिया और पीड़ित पक्ष को फादर के फरार होने और जल्द गिरफ्तारी की बात कह रही है।

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                       गिरफ्तारी की जगह दी सुरक्षा

थाने में ज्योति स्कूल के प्राचार्य फादर डेनिम सेबेस्टियन के विरूद्घ धारा 354 पास्को अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। फादर की गिरफ्तारी को लेकर छात्राओं सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने भी प्रदर्शन किया था। पुलिस ने फादर को फरार बताया था। प्रश्न यह उठता है जब फादर को पुलिस ढूंढ़ रही है तो फादर के फोन पर पुलिस उन्हें सुरक्षा देने तो पहुंच गई, लेकिन गिरफ्तार क्यों नहीं किया। जबकि मोबाइल के आधार पर फादर की लोकेशन पुलिस को पता थी। शायद मिशनरी के दवाब में पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करना चाहती।

बिना मान्यता के विद्धयाल चलवाने में जिला शिक्षा कार्यालाय के बाबू माहिर  

रीवा जिले के शिक्षा विभाग के संरक्षण में एक, दो नही बल्कि कई स्कूले नियम विरूध चल रही है, जिला शिक्षा कार्यालय में बैठे बाबू रूपये ले मान्यता दिलाने में माहिर है, क्योकि जिला शिक्षा कार्यालय में वही शिक्षक जमंे हुये है जो पढाना नही चाहते और वसूली कर उच्च अधिकारीयो को कमीशन देकर पूरा समय कार्यालय में बैठे रहते है।    

बीआरसी कर चुके हैं जांच

एक मान्यता पर दो स्कूल चलाने की शिकायत आयुक्त स्कूल शिक्षा विभाग के पास आरएस पाण्डेय ने दर्ज कराई थी। इस शिकायत की प्रारंभिक जांच बीआरसीसी प्रवेश तिवारी को सौंपी गई थी। उन्होंने अपने जांच प्रतिवेदन में कहा था कि स्कूल के पास केवल एक स्कूल की मान्यता है। जबकि प्रबंधन द्वारा दो स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। जिसके बाद मामले की जांच रमसा प्रभारी पीएल मिश्रा सहित 5 सदस्यीय टीम को सौंपी गई थी।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी ली जानकारी

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य अंजू मिश्रा, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष मनीषा पाठक ने स्थानीय कन्ट्रोल रूम में कलेक्टर प्रीति मैथिल एवं एसपी ललित शाक्यवार से मुलाकात कर मामले की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली है। साथ ही फादर की गिरफ्तारी जल्द करने की भी मांग की है। इस अवसर पर आयोग की सदस्य अंजू मिश्रा ने साफ कहा कि आयोग के चेयरमैन राघवेन्द्र शर्मा ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। मामले की प्रगति रिपोर्ट जल्द भेजने की व्यवस्था की जाए।

स्कूल प्रबंधन ने फादर को बचाने जारी किया गलत फुटेज....     आरोपी फादर को बचाने के लिए सुनियोजित तरीके से स्कूल प्रबंधन द्वारा सीसीटीवी फुटेज जारी किया गया है। फुटेज में फादर को पाक साफ बताने की कोशिश की गई है। जबकि क्लीपिंग जारी करने से पहले क्लीपिंग में आने वाली तिथि को सुधारने में प्रबंधन गलती कर बैठा है। घटना जहां 30 अगस्त को दोपहर की है वहीं फादर 31 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे अपने चेम्बर में बैठा छात्राओं से बात करता दिख रहा है। पुलिस की कार्रवाई और वीडियो क्लीपिंग की वास्तविकता एक-दूसरे से अलग हैं। अगर वीडियो क्लीपिंग सही है तो पुलिस ने जानबूझकर 31 अगस्त को फादर की गिरफ्तारी नहीं की। अगर वीडियो क्लीपिंग गलत है तो स्कूल प्रबंधन फादर को बचाने का प्रयास कर रहा है। अब फुटेज की जांच करने की बात आलाधिकारी कर रहे हैं।

 

आईजी ने भोपाल भेजी जानकारी

मामले को गर्माता देख आईजी अंशुमान यादव ने समान थाना प्रभारी सीएम शुक्ला से मामले की जानकारी ली है। साथ ही जानकारी भोपाल भी भेजी गई है। मामला हाई प्रोफाइल मिशनरी स्कूल से जुड़ा होने के कारण पुलिस सर्तकता बरत रही है। मामला धार्मिक होने के कारण भाजपा संगठन एवं कांग्रेस नेताओं द्वारा भी फादर की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी गई है।

 

 

 

छात्रा को दी गई सुरक्षा

छात्रा ने भी पुलिस के समक्ष असुरक्षित होने की बात कही है। जिसके बाद छात्रा के घर के सामने पुलिस बल तैनात किया गया है। स्कूल प्रबंधन द्वारा मामला दर्ज होने के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया था। 

 

 

 

आश्चर्य की बात है जब हम स्कूल चेक करने पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला। प्यून ने निरीक्षण दल की सूचना फादर को दी। फादर ने पुलिस को फोन लगा दिया। दस्तावेज दिखाया नहीं पुलिस आ गई। पुलिस को जब बताया गया तो वह वापस लौटी। यह सही है कि एक स्कूल की मान्यता लेकर वह दो स्कूल चला रहा है।

-पीएल मिश्रा, प्रभारी, रमसा।

 

 

 

टीम बनाकर तीन अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी गई थी, लेकिन फादर नहीं मिला। फादर की तलाश की जा रही है। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।  

-भरत दुबे, सीएसपी, रीवा।

 

हमें फादर ने सूचना नहीं दी थी। हमने तो सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस भेजी थी। फादर की हम भी तलाश कर रहे हैं। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

-शिवपूजन मिश्रा, टीआई, विश्वविद्यालय।








 

 

 

 

 

जांच करने शिक्षा विभाग की टीम पहुंची तो फोन कर पुलिस को बुलाया, मीडिया और पीड़ित पक्ष को गुमराह करने के पुलिस के झूठ का खुलासा

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