हमें जेपी ग्रुप से घर खरीदने वालों की चिंता, कंपनी बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूबे- SC

313 By 7newsindia.in Mon, Sep 11th 2017 / 16:13:15 राष्ट्रीय समाचार     

जेपी इंफ्राटेक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि हमें पहले कंपनी से घर खरीदने वालों की चिंता है। कंपनी अगर बंगाल की खाड़ी में डूबती है तो डूब जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने जेपी ग्रुप को आदेश दिया है कि वो 27 अक्टूबर तक 2 हजार करोड़ रुपये जमा करे। कोर्ट ने बैंकों से कहा है कि वो स्वार्थी न बने और खरीददारों की चिंता करे।  कोर्ट ने इसके साथ कंपनी के एमडी समेत सभी डायरेक्टर्स के विदेश यात्रा करने पर रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।  
जेपी ग्रुप को यमुना अथॉरिटी ने दिया झटका
यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने जेपी ग्रुप को झटका देते हुए उसकी SEZ लीज को खत्म कर दिया है। जेपी ग्रुप पर यमुना अथॉरिटी का 453 करोड़ रुपये का बकाया था। अथॉरिटी ने 500 एकड़ की जमीन अलॉट की थी। यह जमीन ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ है। इस जमीन के पास में ही बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और जेपी की स्पोर्ट्स सिटी मौजूद है। जेपी ने अथॉरिटी से लीज पर जमीन लेकर के कई प्राइवेट बिल्डरों को सब-लीज पर दे दी थी। 
प्राधिकरण के पास है जमीन का मौलिक अधिकार
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में दी गई जमीन 90 साल की लीज पर थी। लीज होल्ड होने के कारण मालिकाना हक प्राधिकरणों के पास ही है। ऐसे में कोई भी बैंक या संस्था तब तक यहां की किसी भी संपत्ति की नीलामी नहीं कर सकती, जब तक कि प्राधिकरण से एनओसी न ले ले। प्राधिकरणों का कहना है कि किसी भी संपत्ति की नीलामी की अनुमति देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्राधिकरण और खरीदारों का पैसा न डूबे।
ऐसे में अगर जेपी इंफ्राटेक के नाम पर आवंटित संपत्ति की नीलामी का आदेश होता है तो भी प्राधिकरण की मर्जी के बिना बैंक नीलामी नहीं कर सकेगा। यमुना प्राधिकरण के मुताबिक जेपी इंफ्राटेक के नाम पर यमुना एक्सप्रेसवे ही है। नोएडा में स्थित एलएफडी वन (विश टाउन, अमन आदि) आदि भी जेपी इंफ्राटेक के नाम पर है।
यमुना की तरह नोएडा में भी प्राधिकरण की एनओसी के बिना किसी भी संपत्ति की नीलामी नहीं हो सकती है।  

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