त्यौहारों के मद्देनजर कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर लगाई पाबंदी

494 By 7newsindia.in Tue, Sep 26th 2017 / 16:04:42 प्रशासनिक     

जबलपुर | आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने अधिकारियों के मुख्यालय छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। उन्होंने आगाह किया है कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।  श्री चौधरी आज यहां समय-सीमा बैठक में अफसरों से मुखातिब थे। श्री चौधरी ने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री स्वयं प्रदेश के सभी जिलों के सरकारी दफ्तरों की परफॉर्मेंस पर नजदीकी निगाह रखेंगे। इसके मद्देनजर सभी अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे सभी मापदण्डों पर अपनी बेहतर परफॉर्मेंस सुनिश्चित करेंगे। अधिकारियों से अपेक्षित है कि वे अपने कार्यालयों की रैंकिंग प्रदेश में प्रथम दस में शुमार कराने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे। 

    बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रमुख अपने विभागों में कार्यरत 20 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, मौजूदा परफॉर्मेंस व मेडिकल फिटनेस के आधार पर निर्णय लेते हुए उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के सम्बन्ध में उचित कदम उठाएं। श्री चौधरी ने सभी विभागों में उक्त कार्यवाही के लिए समिति गठित किए जाने को कहा। उन्होंने इस सिलसिले में शासकीय कर्मचारियों के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया। विभाग प्रमुखों को सीसीए रूल्स का अध्ययन करने की भी हिदायत दी गई। खास तौर पर शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस सिलसिले में निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया। 

    श्री चौधरी ने विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विकेन्द्रीकृत योजना की बाबत् भी जानकारी तलब की। अब तक दस विभागों से ही जानकारी हासिल होने की बात सामने आने पर कलेक्टर ने इस सम्बन्ध में सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह को मॉनीटरिंग का जिम्मा सौंपा। श्री चौधरी ने उन्हें लोक कल्याण शिविरों के आयोजन का कार्यक्रम तैयार करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जिले की सभी जनपदों में इन शिविरों के आयोजन का कार्यक्रम जारी किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि दो अक्टूबर से जिले में लोक कल्याण शिविरों की शुरूआत की जाएगी तथा 31 मार्च तक इनके आयोजन का सिलसिला जारी रहेगा।  

    कलेक्टर श्री चौधरी ने बैठक में मौजूद अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व वसूली के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने वसूली की मौजूदा स्थिति को असंतोषजनक बताते हुए आगाह किया कि राजस्व हानि होने पर सम्बन्धित राजस्व अधिकारी मुश्किल में पड़ सकते हैं। वसूली के सम्बन्ध में अपेक्षित कार्यवाही नहीं करने वाले पटवारी और राजस्व निरीक्षकों पर कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि नजूल के मामले आरसीएमएस में दर्ज नहीं होने पर सम्बन्धित राजस्व अधिकारी को अक्टूबर में संभावित कार्यवाही के लिए तैयार रहना चाहिए। शहर के बाहरी इलाकों में कृषि भूमि के रूप में पड़ती जमीनों की रजिस्ट्री के मामलों और आदिवासियों की जमीनों की खरीद-बिक्री के सम्बन्ध में वरिष्ठ जिला पंजीयक प्रभाकर चतुर्वेदी को सजग रहने को कहा गया। 

    बैठक में कलेक्टर श्री चौधरी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जिले में स्वाइन फ्लू के प्रकरणों की मौजूदा संख्या के बारे में ब्यौरा तलब किया। इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉ अग्रवाल ने कहा कि नवम्बर – दिसम्बर माह में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। कलेक्टर ने स्वाइन फ्लू से बचने के सिलसिले में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में ऐसे मरीजों की बहुतायत के मद्देनजर बेहतर देखरेख और इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रावधानित राशि से स्वाइन फ्लू के मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराने के भी निर्देश दिए। 

    कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा नदी व इसकी नहरों में मूर्ति विसर्जन प्रतिबंधित किया गया है। प्रतिबंध के उल्लंघन के मामलों को अपराध माना जाएगा और नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने एनव्हीडीए के अधिकारियों को विशेष गश्त कराए जाने के लिए पाबंद किया। उन्होंने नहरों में प्रवेश करने वालों की कड़ी निगरानी की जरूरत बताते हुए कहा कि इस प्रवृत्ति को हतोत्साहित किया जाए तथा ऐसे मामलों में सम्बन्धित लोगों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। एनव्हीडीए के अधिकारियों ने बताया कि जलस्तर की स्थिति बेहतर हुई है जिसके चलते रबी में पानी मिलना सुनिश्चित है। श्री चौधरी ने नर्मदा महोत्सव की तैयारियों के सिलसिले में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए। 

    श्री चौधरी ने चोरी से अवैध रेत की निकासी वाले इलाकों को चिन्हित कर रेत की नीलामी की कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में इस सम्बन्ध में सर्वे करा कर रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने खसरा-खतौनी की नकल वितरण की भी समीक्षा की। उप संचालक कृषि को फसल बीमा की लम्बित शिकायतों की समीक्षा करने को कहा गया। कलेक्टर ने किसानों को उड़द व मूंग का लम्बित भुगतान तीन दिन में किए जाने की ताकीद की। 

    बैठक में कलेक्टर ने सीएम हैल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निराकरण के प्रति गंभीरता बरतने को कहा। उन्होंने अपेक्षा की कि विभाग प्रमुख लम्बित शिकायतों के त्वरित निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। 

    बैठक में सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह, अपर कलेक्टर आनंद कोपरिहा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी एवं सभी विभाग प्रमुख मौजूद थे।   

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