तानसेन समारोह की सभी व्यवस्थायें उच्चकोटि की और गरिमापूर्ण हों Ц श्री रूपला

416 By 7newsindia.in Mon, Nov 27th 2017 / 21:27:35 प्रशासनिक     

ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में इस साल 22 से 26 दिसम्बर तक आयोजित होगा। यह समारोह भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 93 साल से आयोजित हो रहा है। समारोह की तैयारियों के सिलसिले में सोमवार को संभाग आयुक्त श्री एस एन रूपला की अध्यक्षता में स्थानीय आयोजन समिति की बैठक हुई। श्री रूपला ने इस मौके पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह की सभी व्यवस्थायें उच्च कोटि की एवं समारोह की गरिमा के अनुरूप हों। 

यहाँ मानसभागार मोतीमहल में आयोजित हुई बैठक में साडा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह जादौन, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. लवली शर्मा, कलेक्टर श्री राहुल जैन, पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष, उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक श्री पी के झा  तथा सर्वश्री श्रीराम मराठे, अशोक आनंद, डॉ. ईश्वरचंद करकरे व श्रीमती रंजना टोंणपे सहित समिति के अन्य सदस्यगण और बेहट ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती कोमेश एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे। 

संभाग आयुक्त श्री रूपला ने निर्देश दिए कि समारोह स्थल पर कलाकारों एवं कलारसिकों की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि संगीत की नगरी ग्वालियर में प्रतिष्ठापूर्ण "तानसेन समारोह” आयोजित करने की गौरवशाली परंपरा रही है। समिति के सदस्य इस समारोह को और अधिक भव्यता एवं गरिमा प्रदान करने में सभी सहयोगी बनें।  

तानसेन समारोह को और गरिमापूर्ण बनाने के लिये समिति के सदस्यों ने सुझाव भी दिए। साडा अध्यक्ष श्री राकेश जादौन ने तानसेन अलंकरण के तहत दी जाने वाली सम्मान राशि बढ़ाने का सुझाव दिया। स्थानीय आयोजन समिति द्वारा इस सुझाव से संस्कृति संचालनालय को अवगत कराया जायेगा। कलेक्टर श्री राहुल जैन ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह के कलाकारों को सम्मान स्वरूप शॉल-श्रीफल के साथ स्मृति चिन्‍ह भी प्रदान करें। उन्होंने समारोह की व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से अंजाम देने के लिये मुख्य समारोह परिसर में एक कंट्रोल रूम स्थापित करने के लिये भी कहा। इस कंट्रोल रूम में आयोजन से जुड़े सभी अधिकारियों के कॉन्टेक्ट नम्बर भी रखे जाएँ। पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने तानसेन समारोह के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का भरोसा दिलाया। समिति के सदस्यों ने तानसेन समारोह की सभाओं में स्थानीय संगीत महाविद्यालयों व अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की अधिकाधिक भागीदारी पर बल दिया। बैठक में तय किया गया कि स्थानीय कलाकारों के चयन के लिये चयन समिति का गठन 20 सदस्यों में से लॉटरी पद्धति के जरिए संभागीय अपर आयुक्त श्री डी डी अग्रवाल द्वारा किया जायेगा।  

श्री रूपला ने समारोह की तिथियों में कार्यक्रम स्थल से तीन किलोमीटर की परिधि में कोलाहल नियंत्रण के संबंध में आदेश जारी करने के लिये कलेक्टर से कहा। इसी तरह समारोह स्थल पर पेयजल, साफ-सफाई, समारोह स्थल तक के पहुँचमार्ग की मरम्मत व प्रकाश व्यवस्था तथा फायर ब्रिगेड आदि का प्रबंध करने के निर्देश नगर निगम आयुक्त को दिये गये हैं। तानसेन की जन्मस्थली बेहट में भी पहुँच मार्ग की मरम्मत सहित अन्य व्यवस्थायें करने की हिदायत संबंधित अधिकारियों को दी गई है। समारोह स्थल के अंदर व बाहर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करने के लिये पुलिस अधिकारियों से कहा गया। इसके अलावा विद्युत व्यवस्था, समारोह का प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी संबंधित अधिकारियों को सौंपी गई है। 

मंत्री श्री पवैया की पहल पर जुड़े नए आयाम 

“गमक” में होंगे अनूप जलोटा के भजन और लोक कलाकारों के दल करेंगे नृत्य 

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया की पहल पर तानसेन संगीत समारोह में नए आयाम जोड़े गए हैं। तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 21 दिसम्बर को सायंकाल  हजीरा चौराहे पर उप शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम पूर्वरंग “गमक” होगा। गमक में  सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री अनूप जलोटा की प्रस्तुति होगी। आदिवासी लोक कलाकारों के दो दल किलागेट से नृत्य करते हुए हजीरा चौराहे पर गमक के मंच तक पहुँचेंगे। समारोह की अंतिम संगीत सभा इस बार भी किला परिसर में होगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर की प्रेयसी मृगनयनी के नाम से बने गूजरी महल में सजेगी। 

कुल 9 संगीत सभायें होंगीं 

इस बार के समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में बनने जा रहे भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 26 दिसम्बर की सांध्यबेला में गूजरी महल में आयोजित होगी। 

23 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश 

तानसेन समारोह में रसिकों की अधिकाधिक भागीदारी को ध्यान में रखकर 23 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश रखने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। 

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