बड़ी खबर: भूकंप के तेज झटकों से दहले दिल्ली सहित 6 राज्य, उत्तराखंड में था केंद्र

408 By 7newsindia.in Wed, Dec 6th 2017 / 22:15:35 राष्ट्रीय समाचार     

बड़ी खबर: भूकंप के तेज झटकों से दहले दिल्ली सहित 6 राज्य, उत्तराखंड में था केंद्र

यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली-NCR में बुधवार रात करीब 8.50 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। देश के कई और शहरों में भी झटके महसूस किए गए हैं।

नई दिल्ली. देश की राजधानी में बुधवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था। रिक्टर पैमाने पर उसकी तीव्रता 5.5 थी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड के अलावा हिमाचल, यूपी, हरियाणा और पंजाब में भी झटके महसूस किए गए। दिल्ली में करीब 10 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि इसी साल जून में भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

दिल्ली समेत 6 राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था केंद्र    दिल्ली समेत 6राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में था केंद्र

कब आया भूकंप?

- भूकंप बुधवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर आया। इसका केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जमीन से 30 किमी नीचे था। माैसम विभाग के मुताबिक, यह मॉडरेट इंटेंसिटी का भूकंप था। 

- इससे पहले यूरोपियन मैडिटैरियन सीज्मोलॉजिकल सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के देहरादून से 121 किमी दूर पूर्व में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5 थी। 

कहां-कहां आया भूकंप?

- भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग में था। झटके रुद्रप्रयाद के अलावा देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, टिहरी, रामनगर में झटके महसूस किए गए। यूपी में मेरठ, मथुरा और सहारनपुर में भी झटके महसूस किए गए। चंडीगढ़ में भी झटके महसूस किए गए। 

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। 

भारत और आसपास के देशों में भूकंप आने की क्या है वजह?
हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी बेल्ट में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी। 

हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा है
हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी को लीड कर चुके जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सी.पी. राजेंद्रन के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।

कितनी तबाही ला सकता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 हल्का कंपन।
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर।
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 फर्नीचर जैसा भारी सामान तक हिल सकता है।
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी

- भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।

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