मध्यप्रदेश के बदहाल अस्पताल....नर्स बोलीं - अस्पताल में रुकने का इंतजाम नहीं
मंदसौर जिले के गांव भानपुरा में सड़क पर डिलीवरी के मामले में तीनों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उधर स्टाफ नर्स विजिता पौराणिक का कहना है कि रात में रुकने का इंतजाम नहीं होने और अकेले रहने के कारण परेशानी आती है। इसलिए घर चले जाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढाबला माधोसिंह से आसपास के 15 ग्राम जुड़े हैं। यहां नाॅर्मल डिलीवरी की सुविधा होने से ग्रामीण आते हैं। वर्तमान में यहां एक फार्मासिस्ट तीन एएनएम हैं। 3 नर्स होने के बावजूद मुख्यालय पर रात में कोई नहीं रुकती। डाॅक्टर का पद स्वीकृत होने के बाद कोई नहीं आया।
सरकारी अस्पतालों की बदहाली को बयां करतीं इसी साल की कुछ और तस्वीरें
पिछले चौबीस घंटे में सरकारी अस्पतालों की दो तस्वीरें सामने आने के बाद भी जिम्मेदारों का रवैया नहीं बदला है। सिरोंज में बिना टांके लगाए शव देने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, गरोठ में बीएमओ ने डॉ. बीएल सिसोदिया ने महज कारण बताओ नोटिस देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। यह जरूर कहा कि वरिष्ठ कार्यालय को भी पत्र लिख चुका हूं। इधर, भानपुरा में अस्पताल की नर्सों ने ही व्यवस्थाओं पर ही अंगुली उठाई है...
सरकारी अस्पतालों की बदहाली को बयां करतीं इसी साल की कुछ और तस्वीरें.... इंदौर एमवाय के एसएनसीयू में बच्ची की मौत, जिम्मेदार मना करते रहे अशोकनगर का कदवाया प्रसूति केंद्र, ताला होने से सड़क पर डिलीवरी पिछले दस वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं का बजट फोटो राजगढ़ के ब्वायरा सिविल अस्पताल का यहांप्रसूता पूजाबाई को खुले आसमान के नीचे बिना गद्दे के बेड पर लिटाया। पेड़ से ड्रिप टांगी। मामले ने तूल पकड़ा तो कह दिया कि मौसमी बीमारियों की वजह से वार्ड में जगह नहीं मिली। कार्रवाई:कुछ नहीं नवाजातों के वार्ड में आग लगी। बच्ची का जला शव मिला। अस्पताल अधीक्षक ने दावा किया, मौत पहले ही हो चुकी थी। कार्रवाई:जांच जारी
विद्याबाई ननद के साथ प्रसूति केंद्र पहुंची। ताला था। गेट पर ही डिलीवरी हुई। एक घंटे तक नवजात सड़क पर पड़ा रहा। कार्रवाई:एएनएम सस्पेंड
वर्ष राशि (करोड़रु.में)
2008-09 1389.00
2009-10 1563.00
2010-11 1878.00
2011-12 2639.00
2012-13 3596.00
2013-14 4147.00 2014-15 4828.00 2015-16 4740.00 2016-17 5643.00 2017-18 7420.00 कुल37,843 करोड़
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