ढेकहा गोलीकांड: न्यायालय ने दिया ऐतिहासिक फैसला, न्यायालय ने कहा, हत्या नहीं स्वयं की रक्षा के लिए चलाई थी गोली
7 लोक सेवक कसूरवार एफआईआर के निर्देश
ढेकहा गोलीकांड मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। चर्चित मामले में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हत्या और हत्या के प्रयास से राजभान व उसके बेटे को दोषमुत कर दिया। राजभान ने सिर्फ आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई, जिससे उसके भाई की जान चली गई थी। न्यायालय ने तत्कालीन निगमायुक्त, पुलिस, लोक सेवक सहित 7 पर एफआईआर के आदेश दिए हैं। यह जानकारी अधिवता अखंड प्रताप सिंह द्वारा उपलध कराई गई है। इस मामले में अभी न्यायालय की ओर से कोई प्रमाणित फैसला नहीं आया है। प्रमाणित फैसला आते ही सभी तथ्यों के साथ दैनिक जागरण इसेपाठकों तक पहुंचाएगा। बचाव पक्ष के अधिवता अखंड प्रताप सिंह के अनुसार 26 जुलाई 2014 को पडऱा वार्ड तीन में उस समय खूनी संघर्ष हुआ था, जब नगर निगम का अमला घर गिराने पहुंचा था। ावन गिराने की इस कार्रवाई के दौरान राजललन सिंह और उनका पुत्र नीरज सिंह दोस्तों के साथ मौके पर पहुंच थे। सभी ने मिलकर राजभान सिंह एवं किरायेदारों का सामान बाहर फेंक दिया था। महिलाओं और बेटों से जबरदस्ती की गई थी। इस बात से दुखी होकर राजभान ने बंदूक उठा ली थी। ताबड़तोड़ राजललन सिंह, नीरज सिंह और उनके दोस्तों पर फायरिंग शुरू कर दी थी। इस मामले में राजललन सिंह की मौत हो गई थी। वहीं नीरज सिंह घायल हुआ था। नीरज का इलाज कई दिनों तक दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में चला था। इस पूरी घटना का चश्मदीद नीरज ही था। ढेकहा गोलीकांड में राजभान सिंह पर हत्या और हत्या का प्रयास का प्रकरण दर्ज किया गया। बेटे रणवीर सिंह पर मददगार का प्रकरण बनाया गया। दोनों को जेल भेजने के बाद प्रकरण न्यायालय पहुंचा। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश संजय कस्तवार की न्यायालय में हुई। मामले में बुधवार को अंतिम फैसला सुनाया गया। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपी राजभान सिंह को बड़ी राहत दी। पूरे मामले से राजभान सिंह और रणवीर सिंह को दोषमुत कर दिया गया। आदेश में कहा गया कि यह हत्या नहीं है। आत्मरक्षा और संपत्ति की रक्षा के लिए राजभान को बंदूक उठानी और चलानी पड़ी। इस पूरी वारदात में कसूरवार कोई और ही था, जिसके कारण यह घटना हुई। राजभान सिंह की तरफ से पैरवी अधिवता अखंड प्रताप सिंह, देशराज सिंह, रमेश पटेल, कृष्णय शुला ने की। वहीं, अतिरित लोक अभियोजक नीलग्रीव पांडेय ने दूसरी तरफ से पक्ष रखा था
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