इस बार और भव्यता के साथ आयोजित होगा तानसेन समारोह : श्री पवैया

491 By 7newsindia.in Tue, Dec 12th 2017 / 20:02:04 प्रशासनिक     

उच्च शिक्षा मंत्री ने संभागीय कमिश्नर एवं अन्य अधिकारियों के साथ लिया व्यवस्थाओं का जायजा, " गमक " में भजन सम्राट अनूप जलोटा सुनायेंगे भजन और किले की प्राचीर से झरेंगीं, भजन सोपोरी के संतूर से स्वर लहरियाँ 

ग्वालियर | भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव " तानसेन समारोह " इस बार और भव्यता के साथ आयोजित होगा। उच्च शिक्षा एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री जयभान सिंह पवैया ने मंगलवार को समारोह से जुड़े स्थलों का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर संभाग आयुक्त एवं स्थानीय आयोजन समिति के अध्यक्ष  बी एम शर्मा, प्रभारी कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा, पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  दिनेश कौशल सहित अन्य संबंधित अधिकारी उनके साथ थे। 

   मालूम हो श्री पवैया की पहल पर तानसेन संगीत समारोह में नए आयाम जोड़े गए हैं। तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 21 दिसम्बर को सायंकाल हजीरा चौराहे पर उप शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम पूर्वरंग “गमक” होगा। गमक में सुप्रसिद्ध भजन गायक श्री अनूप जलोटा की प्रस्तुति होगी। आदिवासी लोक कलाकारों के दो दल किलागेट से नृत्य करते हुए हजीरा चौराहे पर गमक के मंच तक पहुँचेंगे। समारोह की अंतिम संगीत सभा इस बार भी किला परिसर में होगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत के महान पोषक राजा मानसिंह तोमर की प्रेयसी मृगनयनी के नाम से बने ग्वालियर दुर्ग की प्राचीर के भीतर बने गूजरी महल परिसर में सजेगी। इस सभा में देश के सुविख्यात संतूर वादक श्री भजन सोपोरी की स्वर लहरियाँ गूँजेंगीं। इसके अलावा देश के अन्य मूर्धन्य संगीत साधकों की प्रस्तुतियाँ भी होंगीं। 

    उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया ने सुर सम्राट तानसेन की थीम पर विकसित होने जा रहे मलगढ़ा चौराहा, तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले “पूर्वरंग” कार्यक्रम स्थल हजीरा-जेसीमिल रोड़, तानसेन समाधि अर्थात मुख्य समारोह स्थल तथा समारोह की अंतिम संगीत सभा स्थल गूजरी महल परिसर का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने इन सभी स्थलों पर समारोह की गरिमा के अनुरूप भव्य इंतजाम करने की हिदायत संबंधित अधिकारियों को दी। श्री पवैया ने कहा कि आयोजन स्थल सहित मुख्य मार्गों पर साफ-सफाई सहित आकर्षक लाइटिंग व सजावट की जाए, जिससे लोगों का आकर्षण तानसेन समारोह के प्रति बढ़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि समारोह में आने वाले रसिकों की सुविधा का पूरा ध्यान रखें। साथ ही पार्किंग की पुख्ता व्यवस्था की जाए। 

मल्लगढ़ा चौराहे पर लगेंगीं तानसेन की प्रतिमायें और बनेगा भव्य प्रवेश द्वार

उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने बताया कि संगीत सम्राट तानसेन की थीम पर मल्लगढ़ा चौराहे को भव्य व आकर्षक रूप दिया जायेगा। इस पर करीबन एक करोड़ 95 लाख रूपए की राशि खर्च होगी। श्री पवैया ने मंगलवार को भ्रमण के दौरान श्रीफल तोड़कर मल्लगढ़ा चौराहे के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मल्लगढ़ा चौराहे से चार शहर का नाका रोड़ पर तानसेन की थीम पर भव्य प्रवेश द्वार भी बनाया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा तानसेन की स्मृति को चिर स्थाई बनाने और शहर की दहलीज को बाहर से आने वाले सैलानियों को आकर्षण का केन्द्र बनाने के लिये किए जा रहे मल्लगढ़ा चौराहे का सौंदर्यीकरण कार्य लगभग पाँच माह की अवधि में पूर्ण कर केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर के साथ वे इस चौराहे का लोकार्पण करेंगे। 

   श्री पवैया ने बताया कि मल्लगढ़ा चौराहे पर पूर्व और पश्चिम दिशाओं में आठ-आठ फीट ऊँची तानसेन की भव्य प्रतिमायें लगाई जायेंगीं। साथ ही मध्य में विशाल वटवृक्ष की प्रतिकृति स्थापित होगी। उत्तर और दक्षिण दिशा में तानसेन के वाद्य यंत्र प्रदर्शित रहेंगे। उन्होंने बताया कि चौराहा मनोहारी लाईट एण्ड साउण्ड सिस्टम से सुसज्जित होगा। इसकी खासियत यह होगी कि एक ओर तानसेन की प्रतिमा से दीपक राग की ध्वनि गूँजेगी, इससे वटवृक्ष पर दीपक जलते हुए दिखाई देंगे तो दूसरी ओर तानसेन की प्रतिमा से राग मल्हार सुनाई देगा और बारिश की बूँदें झरती हुईं नजर आयेंगीं। 

22 दिसम्बर से शुरू होगा समारोह

यह समारोह भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 93 साल से आयोजित हो रहा है। इस बार तानसेन संगीत समारोह 22 से 26 दिसम्बर तक आयोजित होने जा रहा है। तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को प्रात:काल तानसेन समाधि पर पारंपरिक रूप से हरिकथा और मिलाद का गायन होगा। सांध्यबेला में समारोह का भव्य शुभारंभ और तानसेन अलंकरण कार्यक्रम होगा। 

   इस बार के समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में बनने जा रहे भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 26 दिसम्बर की सांध्यबेला में ग्वालियर दुर्ग परिसर में गूजरी महल के समीप आयोजित होगी। 

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