देश एवं विदेश के जाने-माने ब्रम्हनाद के साधक आयेंगे गान मनीषी को स्वरांजलि देने

483 By 7newsindia.in Thu, Dec 14th 2017 / 12:03:16 प्रशासनिक     

 

पाँच दिनी तानसेन समारोह 22 दिसम्बर से, पूर्व संध्या पर होगा " गमक " का आयोजन, कलाकारों की सूची जारी 

ग्वालियर |  भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” की इस साल अलग ही छठा होगी। पाँच दिनी तानसेन समारोह का आयोजन संगीत की नगरी ग्वालियर में 22 से 26 दिसम्बर तक होगा। देश एवं विदेश से आ रहे ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक इन संगीत सभाओं में गान मनीषी तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा इस साल के तानसेन समारोह के लिये कलाकारों की सूची जारी कर दी गई है। 

   तानसेन समारोह की पूर्व संध्या यानि 21 दिसम्बर की सायंकाल उपशास्‍त्रीय संगीत कार्यक्रम “गमक” का आयोजन हजीरा-जेसीमिल रोड़ पर होगा। जिसमें भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा के भजन होंगे। इस बार के समारोह में कुल 9 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। किला परिसर स्थित गूजरी महल के समीप समारोह की नौवीं एवं आखिरी संक्षिप्त संगीत सभा 26 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होगी। 


इस बार भी विश्व संगीत की प्रस्तुतियाँ होंगी आकर्षण का केन्द्र

इस बार के संगीत समारोह में भी गत वर्ष की भाँति विश्व संगीत को भी शामिल किया गया है। समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियाँ देंगे। इनमें स्वीडन व रशिया आदि देशों के स्थापित कलाकार शामिल हैं। 


प्रथम सभा 22 दिसम्बर (सायंकाल) - तानसेन समाधि स्थल

पं. उल्हास कसालकर पुणे गायन, श्री सुवेन्द्र राव दिल्ली सितार वादन तथा श्री संजीव झा एवं श्री मनीष कुमार भोपाल ध्रुपद गायन जुगलबंदी। इस सभा का शुभारंभ शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। 

द्वितीय सभा (प्रात:काल) – 23 दिसम्बर

    श्री जोन्हेस मॉलर स्वीडन गिटार वादन, श्री धनंजय हेंगड़े मुम्बई गायन, श्री सचिन मनोहर पटवरधन इंदौर स्पैनिश वीणा और जनाब मुन्ने खाँ, जनाब शफीक हुसैन व जनाब आबिद हुसैन भोपाल की सारंगी तिगलबंदी। इस सभा का शुभारंभ भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। 

तृतीय सभा (सायंकाल) – 23 दिसम्बर

    श्री अनुज प्रताप सिंह ग्वालियर ध्रुपद गायन, सुश्री पूर्वी निमगांवकर इंदौर गायन, श्री अखिलेश गुंदेचा एवं साथी भोपाल पखावज वृंद और श्रीयुत श्रीनिवास जोशी पुणे गायन। इस सभा का आरंभ शंकरगंधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। 

चतुर्थ सभा (प्रात:काल) – 24 दिसम्बर

    डायनेबो रिन्टा एवं मिखैल युशैनिन रशिया बाँसुरी-ऑर्गन, सुश्री दुर्गा शर्मा जबलपुर वायोलिन वादन, श्री नवल किशोर मलिक नईदिल्ली ध्रुपद गायन एवं जनाब आमिर खाँ भोपाल सरोद। इस सभा के आरंभ में महारूद्र मण्डल संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी। 

पाँचवी सभा (सायंकाल) – 24 दिसम्बर

    श्री सुरेश गंधर्व नईदिल्ली गायन, मैहर वाद्य वृंद मैहर, जनाब हफजल हुसैन औरंगाबाद ध्रुपद गायन, सुश्री कल्पना झोकरकर एवं सुश्री अनुजा झोकरकर इंदौर युगल गायन, इस सभा की शुरूआत राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगी। 

छठवीं संगीत सभा (प्रात:काल) – 25 दिसम्बर

    सुश्री अमिता सिन्हा दिल्ली ध्रुपद गायन, श्री अंशुल प्रताप सिंह भोपाल एवं श्री ऋषि कुमार उपाध्याय दिल्ली तबला-पखावज जुगलबंदी, श्री योगेश हंसवाडकर बैंगलोर गायन एवं श्री अंकुर धारकर ग्वालियर वायोलिन वादन। सभा की शुरूआत ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। 

सातवीं सभा (सायंकाल) – 25 दिसम्बर

    श्री पुष्कर लेले पुणे गायन, श्री चेतन जोशी दिल्ली बाँसुरी वादन, श्री कैवल्य कुमार गुरव धारवाड़ गायन एवं सुश्री सुनंदा शर्मा दिल्ली गायन। इस सभा का शुभारंभ तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। 

आठवीं सभा (प्रात:काल) – 26 दिसम्बर – बेहट

    जनाब जावेद उस्मानी भोपाल गायन, श्री विनायक शुक्ला व श्री विजय सेठ ग्वालियर तबला जुगलबंदी और ऋषि जैन व शरद जैन ग्वालियर युगल गायन। सभा के प्रारंभ में तानसेन स्मारक केन्द्र बेहट एवं साधना संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन होगा। 

नौवीं एवं अंतिम संगीत सभा (सायंकाल) – 26 दिसम्बर - गूजरी महल

    श्री कपूर नागर भोपाल क्लेरोनेट एवं सुश्री स्मिता मोकाशी इंदौर गायन। इस सभा का मुख्य आकर्षण पं. भजन सोपोरी वाराणसी का संतूर वादन होगा। सभा की शुरूआत शारदा नाद मंदिर संगीत महाविद्यालय ग्वालियर एवं ध्रुपद केन्द्र भोपाल के ध्रुपद गायन से होगी। 

हरिकथा व मीलाद गायन से होगा शुभारंभ

    गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले "तानसेन समारोह'' के अपने अलग ही रंग हैं । समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं । इस बार भी 22 दिसम्बर को प्रात: काल पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद के गायन के साथ "तानसेन समारोह''' का शुभारंभ होगा। 

 

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