कांग्रेस समर्थित मनगवां नपं अध्यक्ष : नहीं रास आ रही कांग्रेस...बीजेपी में शामिल हो सकती हैं सीता देवी साकेत ?
कांग्रेस से समर्थित नगर पंचायत मनगवां की अध्यक्ष हैं सीता देवी, बीजेपी में शामिल हुई तो 2018 में विधानसभा मनगवां से विधानसभा प्रत्याशी की होंगी प्रबल दावेदार
रीवा । कांग्रेस पार्टी से चुनी गई नगर पंचायत मनगवां अध्यक्ष सीता देवी साकेत जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकती हैं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीता देवी साकेत को अब कांग्रेस रास नहीं आ रही है, और सत्ता का भी भारी दबाव नही झेल पा रही हैं, जिसके चलते इस सप्ताह एक कार्यक्रम में शामिल होने रीवा आ रहे मुख्यमंत्री के समक्ष बीजेपी में शामिल हो सकती हैं,
गौरतलब है कि सितम्बर 2015 में मनगवां नगर पंचायत की अध्यक्ष सीता देवी साकेत और उनके पति विवेक साकेत को लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जिसके बाद नगर पंचायत मनगवां की अध्यक्ष सीता देवी को राज्य शासन ने 20 जनवरी 2017 को पद से हटा दिया था। कलेक्टर ने उन्हें 22 जनवरी को पद से हटाते हुए आगामी चुनाव के लिए अयोग्य भी घोषित किया था। जिसके बाद सीता देवी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहा से उन्हे पुन: नगर पंचायत मनगवां के अध्यक्ष पद पर बने रहने के आदेश न्यायालय ने दिये जिसके बाद वह पुन: नगर पंचायत मनगवां की अध्यक्ष है, रिस्वत लेने के आरोप लगने के बाद नगर पंचायत मनगवां अध्यक्ष लगातार विरोध का सामना कर रही हैं, भाजपा लगातार नगर पंचायत में दबदबा बनाये हुये है, 1 नवम्बर 2015 को नगर पंचायत मे प्रदेश स्थापन दिवस पर भी विरोध का सामना किया, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी अध्यक्ष सीता देवी साकेत द्वारा किए गए ध्वजारोहण का विरोध किया गया। नगर पंचायत के उपाध्यक्ष एवं जिला योजना समिति के सदस्य प्रमोद उर्मलिया सहित कई पार्षदों ने विरोध दर्ज कराते हुये कहा था कि अध्यक्षा पर भ्रष्टाचार का आरोप हैं। बिजलेन्स टीम ने ट्रेप किया था। ऐसे जनप्रतिनिधि को ध्वजारोहण करने का अधिकार नहीं है। इस बीच जमकर नारेबाजी भी की गई। उपाध्यक्ष प्रमोद उर्मलिया ने कहा की जो लोग के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप है उन लोगों के द्वारा ध्वजारोहण करना स्थापना दिवस का अपमान है। इतना ही नही 15 जनवरी 2017 को अध्यक्ष गीता देवी द्वारा गणतंत्र दिवस पर सुबह दफ्तर पहुंचकर ध्वजारोहण करने के मामले ने तूल पकड़ लिया था, प्रदेश सरकार द्वारा पद से उन्हें हटाने के बाद प्रभारी अध्यक्ष बनाए गए नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद उरमलिया ने उन पर जबरन ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया और समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे, करीब 6 घंटे बाद तत्कालीन एसडीएम केपी पाण्डेय व तहसीलदार के समझाने पर उनका धरना टूटा और तब जाकर राष्ट्रगान हुआ। इस बीच गीता देवी अपने समर्थकों के साथ वहां से चली गईं। ध्वजारोहण को लेकर उपजे विवाद के बाद दोनों पक्षों ने पुलिस को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। तत्कालीन प्रभारी नगर पंचायत अध्यक्ष ने आवेदन देकर पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज के आपमान का मामला दर्ज करने की मांग की थी । जबकि नगर पंचायत अध्यक्ष गीता देवी ने प्रमोद उरमलिया पर जातिगत शब्दों का इस्तेमाल कर अपमानित करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं नगर पंचायत मनगवां में परिषद की बैठक में भी सीता देवी साकेत को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, वह किसी भी मामले में कोई निर्णय नहीं ले पाती हैं कई बार तो विपक्ष ने नगर पंचायत की महत्व फाइलों को अध्यक्ष द्वारा जबरन घर ले जाने के भी आरोप लगाए गए, कांग्रेस पार्टी से भी उनका विरोध चल रहा है क्योंकि नगर पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भी नही सुन रही है,
एक तरफ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ना सुनना, उनके बातों को नजर अंदाज कर देना, दूसरी तरफ परिषद की बैठक में विरोध का सामना करना, परिषद में मनचाह ऐजेंडा न पास होना, वीआईपी आयोजन में रिश्वत लेने के आरोप को तूल दे कर विपक्ष का विरोध करना, जिसके चलते नगर पंचायत अध्यक्ष सीता देवी साकेत ने आंतरिक तौर पर भाजपा का ही दामन थाम कर VIP सभाओं में सम्मान प्राप्त करना और रिश्वत के आरोप से बरी होने का मन बना रही है और इसीलिए जल्दी सीता देवी मुख्यमंत्री के हाथों सदस्यता लेकर बीजेपी में शामिल हो सकती हैं, अब देखना यह है कि क्या नगर पंचायत के उपाध्यक्ष प्रमोद उरमलिया सीता देवी को बीजेपी में आ जाने के बाद उनका कितना समर्थन करेंगे और कितना विरोध !क्या विपक्ष (भाजपा) जिन मुद्दों को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष का अब तक विरोध कर रही थी तो क्या वही बीजेपी अब नपा अध्यक्ष के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी इन मुद्दों को भुला देगी या अनवरत आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करती रहेगी, यह तो नगर पंचायत अध्यक्ष सीता देवी के बीजेपी में शामिल होने के बाद ही सामने आ जायेगा, पर इतना तो तय है कि समय के साथ परिवर्तन होना चाहिए और इस परिवर्तन में आज एक बार फिर नगर पंचायत अध्यक्ष अपने आप को पूरी तरह से परिवर्तन करने में लगी हुई हैं और बीजेपी का दामन थाम कर नई ऊंचाइयों को छूने की कोशिश करेंगी, क्योंकि हाल ही में विधानसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में मनगवां विधानसभा की सीट आरक्षित है और इस सीट से अब वह भी एक प्रबल दावेदार होंगी क्योंकि यदि सीता देवी काग्रेस छोडती है तो काग्रेस के पास अब कोई प्रत्याशी नही रहेगा जो मैदान में उतर सके, वही बीजेपी के पास अभी ऐसा कोई सशक्त उम्मीदवार भी नहीं है जिसे वह मनगवां से मैदाने-ऐ-जंग में उतार सके, इसलिए BJP भी पूरे सम्मान के साथ सीता देवी को पार्टी में शामिल करने के बाद एक निश्चित जगह अवश्य देगी ।
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