रीवा । पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजमणि पटेल को कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के लिए किया नामांकित

578 By 7newsindia.in Mon, Mar 12th 2018 / 00:40:58 मध्य प्रदेश     

रीवा। मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए भेजे जाने वाले नामों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने गहन परीक्षण किया और नामों का ऐलान भी कर दिया। लंबे अर्से के बाद राज्यसभा में विंध्य की उपस्थिति होगी। भाजपा ने चुरहट(सीधी) से प्रदेश महामंत्री अजय प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित किया तो कांग्रेस की सूची ने बड़े नेताओं को चौकाया लेकिन विंध्य के लोगों को प्रसन्न करने वाला निर्णय दिया। पूर्व मंत्री राजमणि पटेल के नाम की घोषणां के बाद उन लोगों ने भी कांग्रेस के इस निर्णय को बेहतर बताया है जो राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं। देर शाम आई खबर के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी।

30 साल बाद राज्यसभा में रीवा का प्रतिनिधित्व कांग्रेस नेता राजमणि पटेल

    रीवा से राज्यसभा के लिए जाने वाले पांचवे नेता होंगे। इसके पहले कप्तान अवधेश प्रताप सिंह, जगदीश चंद्र जोशी, गुरुदेव गुप्ता, केशव प्रसाद शुक्ला राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। सतना से गुलशेर अहमद, सीधी से अर्जुन सिंह और जगन्नाथ सिंह भी राज्यसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विंध्य के राजनीतिक विश्लेशक जयराम शुक्ला का कहना है कि सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से विंध्य ने सदैव अपना महत्व बनाए रखा। कुछ समय से राज्यसभा के लिए इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा था लेकिन दोनों दलों ने ऐसे नेताओं के नामों का चयन किया है, जिनकी सराहना पार्टियों के भीतर और बाहर दोनों जगह होगी।

करीब दो दशक के बाद विंध्य के लिए ऐसा अवसर आया है कि दोनों प्रमुख दलों से नेताओं को नामांकित किया गया है। भाजपा और कांग्रेस ने जिन नेताओं को नामांकित किया है वह अपने-अपने दलों के समर्पित नेता रहे हैं। दोनों का अब तक किसी विवाद से नाता भी नहीं रहा है।
यमुना प्रसाद शास्त्री को हराकर शुरू की थी राजनीति
राजमणि पटेल ने पहली बार 1972 में सिरमौर से चुनाव लड़ा और समाजवादी नेता यमुना प्रसाद शास्त्री को हराकर सुर्खियों में आए। इसके बाद सन 80 और 85 में लगातार विधायक बने। सन 82 में सेतु निर्माण निगम के अध्यक्ष भी बने। पहली बार 1985-90 तक राजस्व एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे। 98 में भी मंत्री बने। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकाली अध्यक्ष के साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
सामाजिक आंदोलन से भी जुड़े
वर्ष 2003 और 2013 में पूरे प्रदेश का भ्रमण कर 'जागो जगाओ जोड़ो कर्मवीर जागरण यात्राÓ निकाली। मप्र पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन के प्रांताध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा लगातार वह सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाते रहे हैं। व्यापमं घोटाले पर भूख हड़ताल भी कर चुके हैं।
विंध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं अजय प्रताप
भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह मूल रूप से चुरहट के नजदीक दुअरा गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता संघ से जुड़े थे। युवा मोर्चा के प्रमुख पदों में रहने के साथ ही भाजपा रचनात्मक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक के साथ ही अन्यपदों पर रहे। करीब एक दशक से प्रदेश के प्रमुख रणनीतिकारों में पार्टी ने उन्हें भी शामिल किया है। पहले प्रदेश मंत्री, उपाध्यक्ष और अब महामंत्री हैं। वर्ष 2011 में विंध्य विकास प्राधिकरण के पहले अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। भाजपा ने सीधी और चुरहट से उन्हें विधानसभा चुनाव भी लड़ाया लेकिन वह जीत नहीं पाए। इसके पहले जिला पंचायत का भी चुनाव लड़ा था। पार्टी के कम और सारगर्भित बोलने वाले नेताओं में हैं। मुख्यमंत्री की प्रमुख पसंद भी हैं। कुछ दिन पहले यह भी चर्चा थी कि प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार की जगह अजय प्रताप को ही अवसर मिलेगा। इन्हें राज्यसभा भेजे जाने के पीछे पार्टी का एक उद्देश्य नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को उनके ही क्षेत्र में घेरने की भी रणनीति मानी जा रही है।



 

 

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