1984 दंगा: फिर खुलेंगे 186 मामले, SC ने दोबारा जांच के लिए SIT बनाने के दिए निर्देश..

594 By 7newsindia.in Wed, Jan 10th 2018 / 19:29:58 प्रशासनिक     

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट 1984 सिख दंगों के 186 मामलों की दोबारा जांच कराएगी। इसके लिए तीन मेंबर्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई जाएगी, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज इसके अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा एक रिटायर्ड और एक इन-सर्विस पुलिस ऑफसर भी रहेगा। बुधवार, को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार से एसआईटी के लिए नामों मांगे हैं। बता दें कि देश में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के विरोध में दंगे भड़क गए थे। इसके चलते केवल दिल्ली में ही 2,733 लोग मारे गए थे।

SIT को जांच क्यों सौंपी गई?

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर एस गुरुलाड़ सिंह कालों ने पिटीशन दायर कर कोर्ट से SIT के गठन की मांग की थी ताकि दंगा पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके।

केसों को बंद करने को कह चुका है एसआईटी

  • 1984 सिख दंगों की जांच के लिए पहले भी एसआईटी बनाई जा चुकी है। हालांकि, तब टीम ने 250 में से 241 केसों को बंद करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी।
  • तब सरकार ने कोर्ट को बताया था कि बाकी बचे 7 केसों की जांच एसआईटी कर रही है। जबकि 2 केसों की जांच सीबीआई से करवाई जा रही है।
  • एसआईटी के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक सुपरवाइजरी कमेटी बनाई थी। कमेटी को केस बंद करने के पीछे दिए गए SIT के तर्क की जांच करने के लिए कहा गया था।
  • इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे एम पांचाल और जस्टिस केएसपी राधाकृष्णन को रखा गया था। कमेटी को 3 महीनों में अपनी रिपोर्ट सबमिट करनी थी।

सुपरवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट में क्या था?

  • सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, सुपरवाइजरी कमेटी ने पाया कि एसआईटी ने 241 केसों में से 186 केसों में बिना इन्वेस्टिगेशन किए ही क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।
  • इस रिपोर्ट के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक नई एसआईटी बनाने का फैसला किया है।

केस में अबतक क्या हुआ?

  • सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च को केंद्र सरकार से दंगे से जुड़ी 199 केसों की फाइल पेश करने को कहा था। होम मिनिस्ट्री ने 1984 के दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने ही ये मामले बंद कर दिए था। 
  • एसआईटी की अगुआई 1986 बैच के आईपीएस अफसर प्रमोद अस्थाना कर रहे थे। रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज राकेश कपूर, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (दिल्ली पुलिस) कुमार ज्ञानेश इसके मेंबर थे।

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