लापता वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया अस्पताल में भर्ती

390 By 7newsindia.in Mon, Jan 15th 2018 / 23:12:04 राष्ट्रीय समाचार     

अहमदाबाद के चंद्रमणि अस्पताल के डॉक्टर रूप कुमार अग्रवाल ने बीबीसी को बताया है कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को 108 नंबर की इमरजेंसी एंबुलेंस सेवा बेहोशी की हालत में अस्पताल लेकर आई थी.डॉक्टर अग्रवाल के मुताबिक प्रवीण तोगड़िया जब अस्पताल में लाए गए थे तो वो बेहोशी की हालत में थे, उनका शुगर लेवल काफ़ी नीचे था.
प्रवीण तोगड़िया का चंद्रमणि अस्पताल में ही इलाज चल रहा है और डॉक्टर अग्रवाल के मुताबिक वो अभी बोलने की हालत में नहीं हैं.
गुजरात वीएचपी के नेता कौशिक मेहता ने बीबीसी को बताया कि 'प्रवीण तोगड़िया राजस्थान की पुलिस एक दस साल पुराने मामले में गिरफ़्तार करने आई थी. उन्हें शोला पुलिस स्टेशन में रखा गया था हालांकि उन्हें हिरासत में नहीं लिया गया था.'
पुलिस के मुताबिक सोमवार की सुबह जब वीएचपी कार्यकर्ता जब उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे तो वो वहां नहीं मिले थे. कार्यकर्ताओं ने इस पर सवाल खड़े किए कि प्रवीण तोगड़िया कहां चले गए.
कौशिक मेहता के मुताबिक वो दोपहर एक बजे ऑटो में निकले थे और उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों से कहा था कि वो साथ न आएं.
उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल पा रहा था और अब चंद्रमणि अस्पताल के हवाले से ये ख़बर आई है कि प्रवीण तोगड़िया को बेहोशी की हालत में इमरजेंसी सेवा की एंबुलेंस अस्पताल लेकर आई.
बीबीसी ने जब इमरजेंसी सेवा के प्रोग्राम मैनेजर रोहित श्रीवास्तव से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि, ''अहमदाबाद ज़िले के इमरजेंसी कंट्रोल रूम में रात्रि साढ़े आठ बजे फ़ोन आया कि कोई व्यक्ति कोतरपुर टर्निंग के पास बेहोशी की हालत में पड़ा है. उसके बाद हमने तुरंत कार्रवाई की और रात नौ बजकर 10 मिनट पर उन्हें चंद्रमणि अस्पताल में भर्ती कराया.''
मामला
राजस्थान पुलिस सोमवार को एक 10 साल पुराने मामले में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रवीण तोगड़िया को गिरफ़्तार करने के लिए अहमदाबाद पहुंची थी.

वीएचपी के नेता चंपत राय ने बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय को बताया, "वह सवेरे 10 बजे के आसपास अकेले कार्यालय से निकले थे और उनके साथ सुरक्षा नहीं थी. यह अच्छी बात है कि गुजरात पुलिस ने बहुत जल्दी उन्हें खोज लिया."

प्रवीण तोगड़िया के गिरफ़्तारी वॉरंट को लेकर वीएचपी में नाराज़गी की बात कही जा रही थी. इस सवाल का जवाब चंपत राय ने बीबीसी को दिया.

उन्होंने कहा, "यह कोई भी बोल सकता है और यह बहुत पुराना केस है और कोर्ट का समन उनके लिए जारी होता रहा है. यह भी समन हो सकता है."

चंपत राय ने कहा कि गुम होने से कार्यकर्ताओं में नाराज़गी थी और डॉक्टरों और पुलिस के बीच अभी कोई बात नहीं हुई है.

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