जिला अस्पताल में अब्यवस्थाओ का आलम बिना ग्लब्स ,सेनेटाइजर के कर रहे कार्य
स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार चाहे जितना भी जतन कर ले लेकिन जमीनी हकीकत पर स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरी तो जरूर है लेकिन सिर्फ कागजों पर, क्योंकि सीधी का जिला चिकित्सालय संक्रमण के साए में चल रहा है। कोरोना काल में भी जिला चिकित्सालय पर अव्यवस्था का भंडार लगा है। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से पूरे अस्पताल में संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
*मरीजों के लिए नहीं है चादर*
जिले में फैलते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिले के कलेक्टर तथा एसपी दिन रात काम कर रहे हैं लेकिन जिला मुख्य के जिला चिकित्सालय में मरीजों को स्वच्छ चादर बिछाने तक को नसीब नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार एक चादर अब तो दस दिन तक मरीजों को चलानी पड़ती है। वहीं कुछ तो अपने घर के चद्दर तथा कंबल से काम चला रहे हैं। जहां संक्रमण का खतरा बना हुआ है।स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमण के साए मेंजिला चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं से स्वास्थ्यकर्मी भी अछूते नहीं है क्योंकि स्वास्थ्यकर्मियों को पहनने के लिए ग्लब्स तक नहीं नसीब हो पाता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि बीते कई महीनों से ग्लब्स नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कोरोना के डर परिजन इंजेक्शन लगवाने के लिए ग्लब्स खरीद कर लाते हैं जिला चिकित्सालय में हर मर्ज के मरीज आते रहते हैं जहां उन्होंने कहा कि बिना ग्लब्स के ही उपचार करना पड़ता है। जिससे हमेशा संक्रमण का खतरा मंडराया रहता है।टांके लगाने के लिए धागा तक नहींएक स्वास्थ्य कर्मी ने नाम नहीं छापने के शर्त्त पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि लेबर वार्ड में डिलीवरी के उपरांत टांके लगाने के लिए धागा तक नहीं है जहां मजबूरी में मरीज के परिजनों से ही मंगाया जाता है। वहीं सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में उपचार हेतु कोई सुविधा इस समय नहीं है प्लास्टर लगाने के लिए भी सामान अस्पताल में नहीं है। जिला चिकित्सालय के स्वास्थ्यकर्मियों ने कलेक्टर रवींद्र चौधरी से ग्लब्स तथा सुरक्षा हेतु मानक सामान उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है।इनका कहना हैजिला अस्पताल सिविल सर्जन के अंडर में आता है ओ कर्मचारियों से कैसे कार्य करवाते हैं उनकी जवाबदारी है और ग्लब्स, सेनेटाइजर की डिमांड की गई हैमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एल मिश्र
इंजेक्शन लगाने के लिए ग्लब्स की कोई जरूरत नहीं है इंजेक्शन ऐसे ही लगाएगीसिविल सर्जन डॉ डी के द्विवेदी
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