जिलों से अाने वाली शिकायतों के लिए डीजीपी की स्पेशल टीम
भोपाल : प्रदेश के सभी जिलों से आने वाले फरियादियों को राहत दिलाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने नई व्यवस्था शुरू की है। डीजी मॉनिट में आईं कुछ चुनिंदा शिकायतों की जांच अब स्पेशल टीम के जिम्मे होगी। ऐसा केवल उन्हीं मामलों में होगा, जिनमें डीजीपी स्पेशल टीम भेजने की अनुशंसा करेंगे। इससे न केवल फरियादियों को राहत मिलेगी, बल्कि जिलास्तर पर पुलिसकर्मी भी लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लेंगे।
वर्ष 2016 में पुलिस मुख्यालय की शिकायत शाखा में प्रदेश के सभी जिलों से 16 हजार 450 शिकायतें आई थीं। इस योजना को मजबूत बनाने के मकसद से शिकायत शाखा में तीन डीएसपी, दो एआईजी, एक डीआईजी, एक एडीजी और एक स्पेशल डीजी नियुक्त हैं।
डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला के निर्देश पर इनमें से किसी को भी प्रदेश के किसी भी जिले के किसी भी थाने की शिकायत की जांच दी जा सकती है। स्पेशल टीम तय समय में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट डीजीपी को सौंपेगी। यदि जांचकर्ता की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ पुलिस मुख्यालय स्तर पर आदेश जारी होंगे।
- पिछले छह माह में शिकायतें, प्रदेश के सभी जिलों से आईं 16 हजार 450 शिकायतें
- फरियादियों को राहत देने के लिए पुलिस मुख्यालय की शिकायत शाखा ने शुरू की कवायद, मिल रहे बेहतर परिणाम
सबसे ज्यादा इंदौर, भोपाल रेंज से शिकायतें
रेंज लंबित शिकायतें
- जून 2017 तक सबसे ज्यादा 1202 शिकायतें इंदौर रेंज से हैं। वहीं, 1145 शिकायतों के साथ भोपाल रेंज दूसरे नबंर पर है। 625 शिकायतें जबलपुर रेंज से हैं। बालाघाट रेंज से सिर्फ 25 शिकायतें शाखा को मिली हैं।
- ग्वालियर 491
- चंबल 343
- इंदौर 1202
- उज्जैन 337
- जबलपुर 625
- सागर 98
- रेंज लंबित शिकायतें
- रीवा 235
- शहडोल 90
- होशंगाबाद 160
- बालाघाट 25
- भोपाल 1145
- अन्य 210
विशिष्ट जांच प्रणाली के तहत स्पेशल टीम जिलों में भेजी जा रही हैं। बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। शिकायत शाखा में आने वाली हर शिकायत की जांच इस टीम से करवा पाना मुमकिन नहीं है।.....एमबी सागर, स्पेशल डीजी
15 दिन में हल हो जाएंगी शिकायतें
ऑनलाइन हुई शिकायतों का सुपरविजन डीजीपी और एडीजी खुद करते हैं। इसी दौरान डीजी मॉनिट की शिकायतें तय कर दी जाती हैं। इन शिकायतों को संबंधित पुलिस अधीक्षकों को 15 दिन में हल करना होता है। अन्य शिकायतों के लिए एक माह से तीन माह की अवधि तय की जाती है। अन्य विभागों से जुड़ी शिकायतों को संबंधित विभाग को ट्रांसफर कर दिया जाता है।
सही दर्ज हुआ महिला पर केस
दतिया की कुसुम बाई ने अपने खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के प्रकरण को झूठा बताया था। डीएसपी त्रिलोक चंद पंवार को भेजा गया। जांच में पता चला कि कुसुम ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सरकारी योजना का लाभ लिया था। उनकी शिकायत गलत पाई गई। इसके बाद दतिया पुलिस ने महिला को गिरफ्तार भी कर लिया है।
नहीं बनता आपराधिक प्रकरण
पनगढ़ी, रीवा निवासी शिवानंद द्विवेदी ने गढ़ थाना क्षेत्र में काम कर रही एक खनन कंपनी के खिलाफ अवैध उत्खनन की शिकायत की थी। डीएसपी अनिल शुक्ला को इसकी जांच के लिए भेजा गया। जांच में पता चला कि कंपनी द्वारा केवल खनिज एवं पर्यावरण विभाग के नियमों का उल्लंघन किया था। इसमें कोई आपराधिक प्रकरण नहीं बनता।
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