सीधी : सरदार सरोवर बांध से अन्यायकारी डूब के पीड़ित विस्थापितों के समर्थन में धरना संपन्न।

सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने किये सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर साथियों सहित बड़वानी में नर्मदा किनारे 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास कर रही हैं। उपवास के समर्थन और बांध से पीड़ित विस्थापितों के समर्थन में एकजुटता प्रकट करने के लिए विंध्य जनांदोलन समर्थक समूह द्वारा कलेक्ट्रेट सीधी में 31 जुलाई 2017 को 11 बजे से साम 4 बजे तक धरना दिया गया। धरने के बाद राज्यपाल के नाम का ज्ञापन कलेक्टर सीधी को सौंपा गया। धरने में अपनी बात रखते हुए टोंको.रोंको.ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि मंदसौर में पुलिस गोली चालन से किसानों की बर्बर हत्या के बाद मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर से नर्मदा घाटी के लोगों की जल हत्या करवाने पर तुली है। ग़ौरतलब है कि नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की वजह से मध्य प्रदेशए गुजरात और महाराष्ट्र के 244 गाँव और 1 शहर डूब में आ रहा है जिससे लगभग 40ए000 परिवारए लाखों की आबादीए मवेशीए मंदिर.मस्जिदए खेत.खलिहान तथा लाखों पेड़ प्रभावित होंगे। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से बढाकर 138ण्62 मीटर कर गेट्स बंद करने का निर्णय लिया है। जलहत्या के इस निर्मम षड़यंत्र में राज्य सरकार और केंद्र सरकार बराबर के हिस्सेदार हैं। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव और नरेन्द्र मोदी के उद्योगपति प्रेम का सीधा प्रभाव नर्मदा के डूब क्षेत्र में आने वाले किसानोए मछवारों और स्थानीय निवासियों पर पड़ रहा है।
डूब प्रभावितों द्वारा कई बार मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया गया लेकिन लोकतंत्र विरोधी सरकार ने संवाद का कोई रास्ता नहीं निकला। आंकड़े की हेरा.फेरी करके हजारों डूब प्रभावितों को विस्थापितों की सूची से बाहर किया गया। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण तथा शिकायत निवारण प्राधिकरण में हजारों परिवारों के आवेदन लंबित हैं जो मुआवजा तथा घर प्लाट के पात्र हैं परन्तु इसके बावजूद भी नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण ने सरदार सरोवर के गेट्स बंद करने का आदेश दे दिया। जिन परिवारों को घर प्लाट मिले भी हैं इस स्थिति में नहीं हैं कि वहाँ घर बनाये जा सकें और जिन बसाहटों में लोग रह भी रहे हैं वहाँ पानीए बिजलीए सड़कए नालेए स्कूलए पोस्ट ऑफिस तथा अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। मा क पा के जिला सचिव कामरेड सुन्दर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानए मजदूर और गरीबों की विरोधी है इसलिए उनकी समस्याएं सरकार की समझ से परे है। केंद्र एवं प्रदेश की सरकार गरीब आदिवासियों किसानों की जमीन लेकर बड़े उद्योगपतियों को दे रहे हैं। धरने में अपनी बात रखते हुए भाकपा के जिला सचिव आनंद पांडे ने कहा कि हमारी पार्टी सरदार सरोवर के विस्थापितों के साथ है और समाज के वंचितों शोषितों सहित गरीब मजदूर किसानों आदिवासियों के साथ है। राममणि मिश्रा ने कहा कि यह आंदोलन मध्य प्रदेश की अंधी बहरी और गूँगी सरकार के खिलाफ है। यह कैसा लोकतंत्र है और यह कैसी सरकार है जो समाज से संवाद ही करना नहीं चाहती। प्रदेश सरकार की हिटलरशाही चल रही है। प्रभात वार्म ने सरकार की कार्यवाही को समाज के कमजोर तबकों के खिलाफ षड्यंत्र पूर्ण कार्यवाही बताते हुए कहा कि सरकार समाज के गरीब कमजोर तबकों के खिलाफ है और सरकार की निगाह प्राकृतिक संसाधनों पर होने के कारण नित नई ऐसी कार्यवाही कर रही है।
धरने को इन्होंने भी संबोधित किया सत्यभामा सिंह प्रदीप सिंह दीपू शिवकुमार सिंह यूनुस सिद्दीकी एड विजय सिंह बलराज सिंह फतेह सिंह रंजना सिंह पूजा पांडेय राजेंद्र द्विवेदी देवेंद्र प्रसाद शर्मा पन्नालाल साकेत शिवराज केवट आदि।