फर्जी पत्रकार, पुलिस मिलकर समाज का करे रहे है दोहन

1248 By 7newsindia.in Wed, Aug 9th 2017 / 10:35:47 मध्य प्रदेश     

 संजीव मिश्रा 

सीधी । वर्तमान समय में जिले के चारों तरफ तथा-कथित पत्रकारों की वयार सी चल पडी है जिसका खामियाजा वरिष्ठ पत्रकारों को भी कभी कभार उठाना पढ रहा है, अवोध बालकों द्वारा भी अनजाने में पुलिस व पत्रकार की गरिमा को ठेस पहुॅचाने का कार्य  किया जा रहा है। पत्रकारिता को बदनाम करने वाले व अपराधियों को संरक्षण देने वाले पत्रकार पर अब होगी पुलिस की पैनी निगाहें, प्रेस व पुलिस लिखी अवैध गाडयि़ा होंगी सीज। फर्जी आई डी प्रेस कार्ड की होगी जांच, कई फर्जी पत्रकारों व संपादकों का होगा गोरखधंधा बंद। सूत्रों की माने तो जिले में फर्जी रूप से संचालित दर्जनों पत्रकारों का अस्तित्व समाप्त करने की प्रकृया प्रारम्भ कर दी गई है जल्द ही सार्वजनिक रूप से प्रकाशित भी किया जायेगा। कुछ फर्जी पत्रकारों ने तो अपनी गाडयि़ों के आगे पीछे से लेकर वी आई पी विस्टिंग कार्ड भी छपवा रखे है जो लोग पुलिस की चेकिंग के दौरान उनको प्रेस का धौस भी दिखाते है गाड़ी रोकने पर पुलिसकर्मी से बत्तमीजी पर भी उतारू हो जाते है इनमे से तो बहुत से ऐसे समाज में तथाकथित पत्रकार है जो पेशे से तो अवैधानिक और अपराधी है जिन पर न जाने कितने अपराधिक मुक़दमे भी दर्ज है लेकिन अपनी खंचाड़ा गाड़ी से लेकर वी आई पी गाड़ी पर बड़ा बड़ा प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन अब ऐसे पत्रकारों को चिन्हित कर पुलिस विभाग के साथ साथ सम्मानित पत्रकार संघ ऐसे फर्जी पत्रकारों को अपमानित करेगा जो पत्रकारिता के चौथे स्तम्भ को बदनाम कर रहे हैं। 

 


जिले में फर्जी पत्रकारों की आयी बाढ 

 

  • कुछ फर्जी पत्रकारों ने तो अपनी गाडयि़ों के आगे पीछे से लेकर वी आई पी विस्टिंग कार्ड भी छपवा रखे है जो लोग पुलिस की चेकिंग के दौरान उनको प्रेस का धौस भी दिखाते है गाड़ी रोकने पर पुलिसकर्मी से बत्तमीजी पर भी उतारू हो जाते है इनमे से तो बहुत से ऐसे समाज में तथाकथित पत्रकार है जो पेशे से तो अवैधानिक और अपराधी है जिन पर न जाने कितने अपराधिक मुक़दमे भी दर्ज है लेकिन अपनी खंचाड़ा गाड़ी से लेकर वी आई पी गाड़ी पर बड़ा बड़ा प्रेस मीडिया छपवा कर मीडिया को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन अब ऐसे पत्रकारों को चिन्हित कर पुलिस विभाग के साथ साथ सम्मानित पत्रकार संघ ऐसे फर्जी पत्रकारों को अपमानित करेगा जो पत्रकारिता के चौथे स्तम्भ को बदनाम कर रहे हैं।
  •   ये कार्यवाही कई जिलों में शुरू हो गयी है, पत्रकारिता के नाम पर अपराधी किस्म के लोग पुलिस से बचने के बजाय अब जाएंगे जेल। इस कार्यवाही से फर्जी पत्रकार होंगे बेनकाब और अपराध मे भी आयेगी कमी। पत्रकार केवल वह ही अपने वाहन पर लिख सकता है प्रेस जिसका नाम वर्तमान समय जनसंपर्क विभाग की लिस्ट मे लिखा हो जिला अधिकारी का साईन हुआ लैटर भी लगा होना चाहिये। 

 


नम्बर प्लेट की जगह ले रहा फर्जी पद नाम

जिला में इन दिनों फर्जी पत्रकार बनने और बनाने का गोरखधंधा तेजी से बढ़ता जा रहा है। सड़कों पर दिखने वाली गाड़ी में से सामान्यत: मोटर साईकिल में जरूर प्रेस लोगो दिखता नजर आ जाएगा। कई शहरों में तो पुलिस ने ऐसे फर्जी पत्रकारों के गैंग सहित उनकी बिना कागजात वाली गाडयि़ां भी सीज करनी शुरू कर उनके फर्जी आई डी प्रेस कार्ड के आधार पर मुकदमा भी लिखना शुरू कर दिया है। ये फर्जी पत्रकार अपनी गाडयि़ों में बड़ा बड़ा प्रेस का मोनोग्राम तो लगाते ही हैं साथ ही फर्जी आई डी कार्ड भी बनवाकर अधिकारियो व लोगो को रौब में लेने का प्रयास भी करते है। कुछ संस्थाए तो ऐसी है जो 1000 रूपये से लेकर 5000 हजार रूपये जमा करवाकर अपने संस्थान का कार्ड भी बना देती है और बेरोजगार युवकों को गुमराह कर उनसे धन उगाही करवाती है लेकिन पकडे जाने पर वो संस्थायें भी भाग खड़ी होती हैं। लगातार बढ़ती फर्जी पत्रकारों की संख्या से न सिर्फ छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी परेशान है बल्कि खुद समाज व सम्मानित पत्रकार भी अपमानित महसूस नजर आते है। 

फेशबुक व अन्य अन्य माध्यम बने जरिया 

समाज में कुछ तथा कथित पत्रकार इस समय फेसबुक व अन्य माध्यम से अपनी गलत पद नाम के सहारे आम जन मानस को भ्रमित करने की पूरी पूरी कोशिस में लगातार प्रयत्नशील है, बडे ही गर्व से लोगो को बताते फिर रहे है कि अब तो मै पत्रकार बन गया हॅू अब मेरा कोई क्या कर सकता है।

ऐसे तथा कथित पत्रकारों पर जल्द ही खुफिया तंत्र तथा जनसंपर्क विभाग का शिकंजा कसा जायेगा साथ ही यह भी छानबीन करेगा कि कौन सा समाचार पत्र पत्रिका नियमित रूप से प्रकाशित हो रहा है और उसकी पाठक वर्ग में कैसी पहचान है।  नियमित रूप से प्रकाशित न होने वाले समाचार पत्र पत्रिकाओं के पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश भी करेगा। 

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