अग्रेजों भारत छोडो आंदोलन के बाल क्रांतिकारी प० चंद्रकांत का विशेष योगदान

356 By 7newsindia.in Mon, Aug 14th 2017 / 19:14:13 मध्य प्रदेश     

आज के यूवा पीढी को विरासत में मिली आजादी दिलाने में क्रांतिकारियों ने मॉ भारती के चरणों में 

अपने प्राणों को आहुत करने के बाद भी गुमनामियों में दबे हुए है, आजादी के मतबालों को बडी से बडी चट़टान स्वारूप अडचने भी तिनके के समान प्रतीत होती थी। ऐसे ही अग्रेजों भारत छोडो आंदोलन के बाल क्रंातिकारी पंडित चंद्रकांत शुक्ल विन्ध्यप्रदेश के प्रथम और अंतिम मुखयमंत्री पंडित शंंभूनाथ शुक्ल जी के उत्तराधिकारी से खास मुलाकात के दौरान बताया कि  1942 के भारत छोडो आंदोलन में लगे हुए सभी क्रॉतिकारियों का सिर्फ एक ही मकसद था भले ही मकसद की पुर्ति में कोई भी कीमत चुकानी पडे, देश प्रेम की भावना हर हिन्दुस्तानी के दिलों ज्वाला बन कर धधक रही थी। मुझे गर्व है कि 12 वर्ष की उम्र आंदोलन के चलते मुझे जेल हुई व मुकदमा सुनने के लिए तीन जजों की स्पेशल कोर्ट बैठी थी।  12 अगस्त को अमरशहीद पद्मधर सिंह की शहादत दिवस पर मुख्य अतिथि का गौरव प्राप्त हुआ। आजादी के आंदोलन की एक एक घटना आज भी रोमांचित कर देने वाली है, प० चंद्रकांत ने आँखो देखा हाल सुनाया और स्वयं विह्वल हो गए आगे बात बढाते हुए बताया की बाल्यकाल से ही  नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेरे आदर्श थें उनकी जयंती: पूरे मनोयोग से आज भी मनाता हॅू नेताजी से जुडा़ हर ब्यौरा मुझे आज भी मुखाग्र याद है। ।

Similar Post You May Like

ताज़ा खबर