MP : शाह की नसीहत के बाद भी जारी हैं मंत्रियों के बेतुके बोल

692 By 7newsindia.in Sat, Sep 2nd 2017 / 08:39:22 मध्य प्रदेश     

प्रदेश सरकार के सामने जब-जब कोई मुसीबत आती है, ऐसे वक्त में समाधान खोजने के बजाय सरकार के जिम्मेदार मंत्री ही बेतुके बयान देकर सरकार की किरकिरी कराते हैं। कई बार मंत्रियों के यह अजीबो-गरीब बयान पार्टी और सरकार के लिए सिरदर्द साबित होते हैं। पिछले दिनों प्रदेश के दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्रियों को सोच-समझकर और संयमित बयान देने की नसीहत दी थी। इसके बाद भी मंत्रियों द्वारा बेतुके बयानों का सिलसिला जारी है। 

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बिगड़ते हालातों में प्रदेश के मंत्रियों के अजीबो-गरीब बयानों से सरकार की किरकिरी 

 

 

शरद जैन, स्वास्थ्य राज्यमंत्री 
30 अगस्त : स्वाइन फ्लू से मौत तो ऊपर वाले के हाथ में है। डॉक्टर अपनी ओर से पूरी कोशिश करते हैं। (इंदौर में एमजीएमसी भवन शिलान्यास के दौरान) 
अब क्या बोले 
मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जो कहा था उसे तोड़-मरोडकर पेश किया गया।
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रामपाल सिंह, PWD मंत्री 
29 अगस्त: हमने कुछ सड़कें इसलिए खराब रखीं, ताकि लोगों को कांग्रेस शासन की याद आती रहे। (कोलार की खराब सड़कों की शिकायत पर) 
अब क्या बोले 
मैंने मजाक में कहा था, लेकिन हकीकत भी यही है। 
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गौरीशंकर बिशेन कृषि मंत्री 
16 फरवरी: छत से पानी टपका तो आपको टपका डालूंगा। (इटारसी में मंडी भवन के उद्घाटन पर अफसरों को धमकाते हुए कहा था)
अब क्या बोले 
काधमकी का उद्देश्य सिर्फ इतना कि अफसर ठीक से काम करें।
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गोपाल भार्गव , प्ंाचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  
4 जून: वन विभाग का स्टाफ जंगल में चिरौंजी, महुआ, तेंदू पत्ता संग्रह करने से रोके तो उनकी हड्डियां भी तोड़ दें। (अपने क्षेत्र में ग्रामीणों से कहा) 
अब क्या बोले 
कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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  रूस्तम सिंह , मंत्री  
30 अगस्त: दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से आए स्वाइन फ्लू संक्रमितों के कारण प्रदेश में मरीजों की संख्या बढ़ी है। (भोपाल में एक र्यक्रम में) 
तीन बार प्रयास किया, लेकिन हर बार स्टाफ ने कहा- मंत्रीजी व्यस्त हैं।
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भूपेन्द्र सिंह गृहमंत्री ,
20 जुलाई: किसान फसल खराब होने की वजह से नहीं, भूतप्रेतों के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। (विधानसभा में एक सवाल के जवाब में) 
अब क्या बोले 
कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। 
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हालांकि गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और गौरीशंकर बिसेन के बयान अमित शाह की क्लास के पहले के हैं। 

 

 

 

 

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