9 अक्टूबर से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लटके रहेगें ताले
रीवा। राज्य सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष नौ माह से लम्बित मांग न्यूनतम वेतन सलाहकार परिषद् द्वारा सर्वसहमति से न्यूनतम वेतन कार्यकर्ता को अर्द्धकुशल व सहायिका को अकुशल वेतन देने का निर्णय लिया गया था जिसके लिये श्रमायुक्त मध्यप्रदेश द्वारा वित्त विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व सरकार को इसकी जानकारी पत्रों के माध्यम से दी गई थी तब से लेकर अब तक आंगनवाड़ी कर्मी उक्त मांग को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे। लेकिन सरकार ने आंगनवाड़ी कर्मियों की सुध तक नहीं ली, उल्टा काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है। इससे आंगनवाड़ी कर्मियों में आक्रोष व्याप्त है। सरकार ने 6 वर्षो से उनकी सुध तक नहीं ली। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन सीटू मध्य प्रदेश ने उक्त मांग को तत्काल पूरा करने की मांग की है। साथ ही 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करने, सेवा समाप्ती की उम्र 65 वर्ष करने, बिना पेशन ग्रज्युटी, सेवा समाप्त पर रोक लगाने, रिटायरमेन्ट पर दो लाख रुपये कार्यकर्ता को और एक लाख पचास हजार सहायिका को देने, दीदी की भर्ती बंद करने आदि मांगों को लेकर 9,10,11 अक्टूबर 2017 को प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रखे जायेगें। उसी कड़ी में रीवा जिले की सभी आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रखे जायेगें। उक्त जानकारी यूनियन की जिलाध्यक्ष शशिकला पाण्डेय, महासचिव रामवती सिंह, और यूनियन की कार्यकारी अध्यक्ष फूलवसी नामदेव ने अपने एक लिखित बयान में दी। उन्होने समस्त आंगनवाड़ी कर्मियों से तीनों दिन केन्द्र बंद रखने और आन्दोलन में शामिल होकर हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है। 9 अक्टूबर से 11 बजे आयुक्त रीवा संभाग कार्यालय के सामने कोठी कम्पाउण्ड में अपने साथियों सहित पहुंचने की अपील की है।
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