निर्दयता | दो भाइयों को तीन दिन तक अवैध रूप से पुलिस ने हिरासत में रखा, घर पर इलाज के अभाव में मर गई ढाई साल की बेटी, टीआई समेत तीन सस्पेंड

478 By 7newsindia.in Sat, Nov 18th 2017 / 10:46:56 कानून-अपराध     

उज्जैन: प्राणघातक हमले के मामले में मुख्य आरोपी नहीं पकड़ाने पर उज्जैन के माधवनगर थाने की पुलिस ने उसके दोनों निर्दोष भाइयों को हिरासत में ले लिया। तीन दिन तक दोनों को लॉकअप में रखकर पीटा। छोड़ने के लिए रुपए की मांग करते रहे। 72 घंटे बाद आरोपी भाई संरेडर हो गया। तब भी कई घंटे तक उन दोनों भाइयों को नहीं छोड़ा। इसी कारण बीमारी से जूझ रही ढाई साल की बच्ची ने समय पर इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। घटना केे बाद गुस्साए परिजन ने एसपी ऑफिस के बाहर बच्ची का शव रख धरना-प्रदर्शन किया। घटना के बाद एसपी सचिन अतुलकर ने टीआई एमएस परमार समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। 

निर्दयता | दो भाइयों को तीन दिन तक अवैध रूप से पुलिस ने हिरासत में रखा, घर पर इलाज के अभाव में मर गई ढाई साल की बेटी, टीआई समेत तीन सस्पेंड

प्रकाशनगर निवासी दिलीप मकवाना के खिलाफ रविवार रात प्राणघातक हमले का मामला दर्ज कर माधवनगर पुलिस ने रात में घर पर दबिश दी। जहां से दिलीप के नहीं मिलने पर उसके भाई सूरज (28) साल और आनंद (20) को पुलिस पकड़कर थाने ले आई। दोनों को तीन दिन बाद मंगलवार शाम को छोड़ा। दोनों घर पहुंचे तो सूरज की पत्नी कामिनी पीलिया होने से अस्पताल में भर्ती थी। ढाई साल की बच्ची लक्षिता भी गंभीर रूप से बीमार थी, उसे पड़ोसी संभाल रहे थे। लक्षिता को लेकर सूरज रात में ही एक के बाद चार अस्पताल गया लेकिन बच्ची की जान नहीं बची। घटना से गुस्साए परिजनों ने बुधवार सुबह तीनबत्ती चौराहे पर चक्काजाम कर दिया। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम आकर एसपी कार्यालय के बाहर ढाई घंटे तक बच्ची का शव रख धरना दिया। एसपी ने भी माना कि पुलिसकर्मियों ने लापरवाही और नियम विरुद्ध काम किया। टीआई एमएस परमार समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब परिजन शव को अंतिम संस्कार को ले गए। 

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