सामूहिक दुराचार: तीन आरोपियों को 10 वर्ष का कठोर कारवास, मझौली थाना के गंगेई गांव मे दो साल पूर्व हुई थी घटना

494 By 7newsindia.in Wed, Dec 6th 2017 / 20:05:08 कानून-अपराध     

सीधी। घरेलू काम कर रही महिला से उसके पति को पूंछने के बाद उसी के घर भीतर कमरे मे लेजाकर कर बारी बारी से तीन लोगों द्वारा दुराचार करने के सभी आरोपियों को दस दस वर्ष के कठोर कारावास व तीन हजार रूपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है रकम अदा नही करने पर छरू माह के साधारण कारवास की सजा सुनाई गई है। सामूहिक दुराचार दो साल पूर्व 13 अक्टूवर 2015 के दोपहर की बताई गई है। अपर लोक अभियोजक श्रीमती चंन्द्रकृपा अवधिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पीडि़ता महिला आशा ;परिवर्तित नामद्ध 13 अक्टूवर2015 को अपने घर के भीतर चार साल के बेटे के साथ आगन मे घरेलू काम काज निवटा रही थी तीन बच्चे स्कूल गये थे तभी आरोपी गेंदलाल यादव पिता बाबूलाल यादव उम्र 41 बर्ष निवासी पोड़ी पोष्ट करवाही थाना मझौली अपने साथी सुखदेव यादव पिता शिवप्रशाद यादव उम्र 42 बर्ष तेजवली यादव पिता गुलझारे यादव उम्र 53 बर्ष एक ही मोटर सायकल से उसके घर पहुंचकर दरवाजा खटखटाये जव उसने दरबाजा खोला तो गेंदलाल ने उसके पति जिसे सरपंच कहते थे को कहां है पूंछा जव उसने मिर्जापुर मे होने की जानकारी दी तो आरोपी गेंदलाल व तेजवली उसका मुह तौलिया से दवाकर उसे उठाकर उसके कमरे मे लेगये वही आरोपी सुखदेव आंगन मे खड़े होकर पहरा दे रहाथा दोनो ने बारी वारी से जव उसके साथ दुराचार किये  तो तीसरा आरोपी भी बाद मे मुह काला करने से पीछे नही रहा मामले की शिकायत महिला ने मझौली थाना मे दर्ज कराया था जहा पुलिस ने तीनो आरोपियों के खिलाफ धारा 376;जीद्धका अपराध कायम कर तीनो को गिरफ्तार करने के बाद सुनवाई के लिये न्यायिक मजिस्ट्रेट मझौली के न्यायालय मे पेश किये जहां न्यायाधीश तीनों को न्यायिक अभिरक्षा मे भेजने के बाद सुनवाई के लिये प्रकरण प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सीधी के न्यायालय मे उपार्पित कर दिये जहां सभी तथ्यों को सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची ने गेंदलाल यादव व तेजवली को दुराचार का दोषी मानते हुए धारा 376 के अपराध मे दस दस बर्ष के काठोर करावास की सजा सुनाई है वही सह अभियुक्त रहे सुखदेव यादव को 376ध्109 भादवी का दोषी मानते हुए दस साल के कठोर कारवास से दण्डित किया है। आरोपियों से दण्ड की राशि जमा होने के बाद पीडि़ता सहांतार्थ देने का आदेश पारित किया गया है। 

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