जिले में लगातार बढ़ रहा एड्स का ग्राफ, गर्भवती महिलायें भी हो रही चिहिंत
सीधी, संजीव मिश्रा
बतदलते परिवेश में यूवा पीढी द्वारा वैदिक पद्वति को दरकिनार करते हुए पूरी तरह से पश्चिमी शभ्यता का अनुकरण करने की होड में वास्तविक जीवन की आधार शिला ही धरासायी होती नजर आ रही है, समाज की इस अंधी दौड का दुष्परिणाम बडा ही भयानक रूप दृष्टवत होने लगा है। ऐसे ही आधुनिकता का एक दुष्परिणाम एड्स के रूप में उभर कर सामने आ रहा है,एचआईव्ही को ह्यूमन इम्यून डिफिशंसी वाइरस के नाम से जाना जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो हमारे इम्यून सिस्टम पर असर करती है। इससे पहले कि आप इस जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आएं आपको इसके सामान्य लक्षण पता होना चाहिए। ताकि आप इसके शुरुआती चरण में ही इसका ईलाज करवा सकें। इसका संक्रमण हो जाने पर इसके कुछ आरंभिक लक्षण भी नजर आने लगते हैं। अगर आपको यह चीजें पता होंगी तो आप इसका निदान आसानी से कर सकेंगे। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि हम एचआईव्ही टेस्ट को लेकर काफी शरमाते हैं। हालांकि आज के समय में एचआईव्ही जांचने के और भी कई तरीके उपलब्ध हैं। आज सरकारी स्वास्थ केन्द्र में भी एचआईव्ही जांच और उपचार की बेहतरीन सुविधाएं मौजूद हैं। साथ ही ये मरीज के रिकॉर्ड को पूरी तरह से गोपनीय भी रखते हैं। एचआईव्ही संक्रमण की शुरुआती जांच बहुत जरूरी होती है। क्योंकि आगे चलकर इससे एड्स जैसी घातक बीमारी हो सकती है। एचआईव्ही के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और यह इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी किस फेज में है या यह कितनी गंभीर है। पर महत्वपूर्ण यह है कि आप इसका उपचार कराएं। एचआईव्ही से ग्रस्त व्यक्ति अगर किसी के साथ शरीर के तरल पदार्थ का आदान-प्रदान करता है तो वह भी इससे संक्रमित हो सकता है। कई बार ऐसा होता है कि सालों साल तक एचआईव्ही का कोई लक्षण नजर नहीं आता है। पर अगर आपको लगता है कि आप एचआईव्ही से ग्रस्त हैं तो तुरंत इसकी जांच कराएं। आज पूरे विश्व में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है और लोगों को एचआईव्ही के कारण और उपचार के बारे में जागरुक किया जाता है। सीधी जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल कैंपस में वर्ष 2007 से संचालित आईसीटीसी केंन्द्र में मौजूद आकड़ों के अनुसार 11 वर्षो में 272 मरीज एचआईव्ही पाजिटिव पाये गये है। एचआईव्ही पाजिटिव पाये गये मरीजों का उपचार एआरटी सेंटर रीवा के मार्फत पूरी तरह मुफ्त किया जा रहा है। सीडी-4 के आधार पर मरीजों की दवाईयां शुरू की गई है। सीधी जिले में एचआईव्ही पाजिटिव के सबसे ज्यादा मरीज सिहावल एवं सीधी ब्लाक में मिले है। उपलब्ध आकड़ों के अनुसार कुसमी ब्लाक में 4 पुरूष, 4 महिलाएं,मझौली ब्लाक में 7 पुरूष,5 महिलाएं, सिहावल में 49 पुरूष,57 महिलाएं,रामपुर नैकिन में 16 पुरूष,13 महिलाएं, सीधी में 55 पुरूष,42 महिलाओं को एचआईव्ही पाजिटिव पाया गया है। वहीं अन्य जिलों के 13 पुरूष एवं 7 महिलाओं को एचआईव्ही पाया गया है। जिले से बाहर चिन्हित किये गये मरीज देवसर, बरगंवा, कर्थुआ एवं मउंगज क्षेत्र के है। वहंी जांच के दौरान 24 गर्भवती महिलाओं में भी एचआईव्ही के वायरस वर्ष 2013 से मिले है। जिन्हे विशेष निगरानी में उपचार सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। जिले में जिला अस्पताल
परिसर में स्थिति आईसीटीसी केन्द्र के अलावा गर्भवती महिलाओं की जांच के लिये 12 आईसीटीसी केन्द्र संचालित किये जा रहे है। यह केन्द्र रामपुर नैकिन, चुरहट, सेमरिया, सिहावल, अमिलिया, अमरपुर, खड्डी, मझौली, मड़वास, कुसमी, पोंड़ी, बरिगंवा, में संचालित है। आईसीटीसी केन्द्र के मार्फत जिन मरीजों को एचआईव्ही की दवाईयां नियमित रूप से दी जा रही है उनकी आयु ज्यादा हो सकती है। वहीं एचआईव्ही वायरस मिलने पर मरीज एवं उसके सम्पर्क में आने वालों को ज्यादा डरने की जरूरत नही है। आधुनिकता के कारण देश में तेजी से पांव फैला रही उक्त बीमारी के मद्देनजर लोगों को संयमित रहने की जरूरत है। वहीं कंडोम का इस्तेमाल भी करें। किसी भी एचआईव्ही पाजिटिव मरीज को टीवी की जांच भी अवश्य करानी चाहिये क्योंकी एचआईव्ही के साथ टीबी होने की संभावना मरीज में ज्यादा रहती है। एचआईव्ही पाजिटिव मिलने वाले मरीजों को नि:शुल्क जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
ब्लाकवार ऑकड़ो पर नजर
ब्लाक पुरूष महिला योग
सीधी 55 42 97
सिहावल 49 57 106
रामपुर 16 13 29
मझौली 7 5 12
कुसमी 4 4 08
अन्य जिले 13 07 20
2007 से अब तक के ऑकड़ो पर नजर
वर्ष जांच पुरूष महिला गर्भवती
2007 1788 22 12 -
2008 1590 7 7 -
2009 2724 9 4 -
2010 3232 7 8 -
2011 3446 12 12 -
2012 6468 15 10 -
2013 5999 16 10 1
2014 8169 16 17 8
2015 5378 17 7 1
2016 6649 9 4 5
2017 7380 14 13 9
कुल 52813 144 104 24
लोगों को जागरूक करने की जरूरत
जिले में विगत एक दशक के दौरान जिस हिसाब से एचआईव्ही पाजिटिव मरीज मिल रहे है। वह निश्चित ही चिंता की बात है। फिर भी संबंधित विभागों द्वारा लोगों के बीच में जागरूकता कार्यक्रम का संचालन गंभीरता के साथ करने के बजाय कागजी कोरमपूर्ती करने का सिलसिला शुरू है। एड्स पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के नाम पर जिले में कई एनजीओ सालों से मोटा अनुदान डकार रहे है। किंतु उनकी सक्रियता लोगों के बीच जाकर होने के बजाय केवल कागजों पर ही बनी हुई है। विडंबना यह है कि संबंधित अधिकारी भी कमीशन के लालच में ऐसे एनजीओ को संरक्षण प्रदान कर रहे है।
उपचार की ये मिल रही सुविधाएं
एचआईव्ही पाजिटिव पाये जाने वाले मरीजों को नि:शुल्क उपचार की सुविधाएं काफी प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराई जाती है। एचआईव्ही से पीडि़त मरीज को पंचायत के मार्फत पीला कार्ड भी उपलब्ध कराया जाता है ताकि उसको शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके। वहीं गर्भवती माताओं की एचआइ्र्रव्ही, एसटीडी की जांच अनिवार्य रूप से करानी चाहिये। ताकि आने वाले बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित रह सके। आईसीटीसी केन्द्र में यह परीक्षण पूरी तरह से नि:शुल्क होता है। गर्भवती माताएं जो जांच में पाजटिव पाई जाती है उनके बच्चों को नेवरापिन सीरप बाडीवेट के आधार पर 6 सप्ताह या 12 सप्ताह तक कंडीशन के आधार पर दिया जाता है। छ: सप्ताह बच्चों को सीपीटी की डोज भी चलाई जाती है। वहीं आईसीटीसी केन्द्र
सीधी में पाजिटिव पाये गये क्लांईट को एआरटी सेंटर रीवा भेजा जाता है जिन्हे सीडी-4 के आधार पर दवाईयां शुरू की जाती है। डॉ के परामर्श के अनुसार मरीज को निर्धारित समय में नियमित रूप से एआरटी सेंटर रीवा भेजा जाता है। वहीं के निगरानी में मरीज की दवा नियमित रूप से चलती है।
एचआईव्ही के शुरूआती लक्षण
1- अगर आपका वजन कम होने लगे अगर आपको अचानक अपने वजन में बदलाव महसूस हो या फिर आपको लगे कि आपका वजन सामान्य की तुलना में ज्यादा तेजी से कम हो रहा है, तो सावधान हो जाइए। यह एचआईवी का लक्षण हो सकता है। वजन कम होने को एडवांस इलनेस के के रूप में भी देखा जाता है। इसका मतलब यह होता है कि आपका इम्यून सिस्टम बुरी स्थिति में पहुंच गया है।
2-अगर लगातार खांसी रहे
सूखी खांसी भी एचआईवी का लक्षण है। हो सकता है कि आपको लगे कि खांसी डस्ट एलर्जी के कारण है पर समय के साथ-साथ आपको लगेगा कि स्थिति बदतर होती जा रही है।
3-अगर नाखुन में बदलाव दिखे
एचआईवी से संक्रमित होने पर नाखुन में भी परिवर्तन नजर आने लगता है। नाखुन या तो टूटने लगते हैं या फिर इसका रंग बदल जाता है। जब भी आपके नाखुन में ऐसे लक्षण देखने को मिलेए आप फौरन उपचार कराएं।
4-अगर आप पर थकान हावी होने लगे
अगर दिन के ज्यादातर समय सुस्त और थके मांदे रहते हैं तो सावधान हो जाइए। यह एचआईवी का लक्षण हो सकता है। एचआईवी संक्रमण के शुरुआती चरण और बाद के समय में भी थकावट का लक्षण देखने को मिलता है।
5- मसल्स और जोड़ों में दर्द
अगर आपके मसल्स और जोड़ों में तेज दर्द हो तो एचआईवी टेस्ट जरूरी कराएं। ऐसा एचआईवी के कारण हो सकता है। हर साल विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति से जुड़े कई तथ्य और आंकड़ों को सामने लाया जाता है।
6- सिर दर्द
अगर सिर दर्द आपकी जिंदगी का हिस्सा बन गया है तो आप अपना एचआईवी टेस्ट जरूर कराएं। यह एचआईवी का शुरुआती लक्षण होता है और इसे एआरएस कहा जाता है।
7- अपनी त्वचा पर ध्यान दें
एचआईवी से संक्रमित होने पर शुरुआती समय में या बाद में त्वचा पर ददोरा निकल आते हैं। साथ ही त्वचा पर कई जगह फोड़े निकल आते हैं और खुजली भी होती है। इसलिए अपनी त्वचा पर बारीकी से नजर रखें।
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