कैसियर के ठगी की शिकार हुई बेवा आशा मामला-सेवा सहकारी समिति भरतपुर का
सीधी : रामपुर नैकिन तहसील के अन्तर्गत जालसाजी एवं घोटाले के लिए चर्चित सेवा सहकारी समिति भरतपुर में पदस्थ कैसियर स्वयं के हस्ताक्षर से बेवा की एफडी कर एवं एफडी की अवधि पूर्ण होने पर एफडी के पीछे हस्ताक्षर करा कर राशि खाते में भेजने के नाम से लगातार तीन वर्षो से ठगे जाने का मामला प्रकाश में आया हैं। ग्राम भरतपुर निवासी बेवा आशा पाण्डेय पति स्व.उचित नारायण पाण्डेय ने सेवा सहकारी समिति भरतपुर में दस-दस हजार की तीन एफडी कराई थी और जब सभी की एक वर्ष की अवधि पूर्ण हुई तो तीनों को एक कर तीस हजार की एक एफडी पुन: करा ली और एफडी की समय समाप्ति हो गई तो बेवा आशा पाण्डेय ने जब 1 सित बर 2014 को एफडी तुड़वाने के लिए सेवा सहकारी समिति भरतपुर गई तो वहा पदस्थ कैसियर ने बेवा से एफडी के पीछे हस्ताक्षर करा,दो - चार दिन में राशि खाते डाल दिये जाने की बात कह कर उन्हें वापस भेज दिया। करीब 10 दिन बात जब बेवा अपना पैसा लेने सेवा सहकारी समिति गई तो वहां कैसियर नही मिला। कई माह समिति का चक्कर काटने के बाद जब कैसियर मिला तो वह कहा कि अभी एफडी हेड आफिस गई है। वहा से स्वीकृत मिलने पर राशि आपके खाते में भेजी जायेगी। कई महीने बाद जब एफडी की राशि खाते में नही आई तो बेवा आशा पाण्डेय द्वारा समिति प्रबंधक से मिली तो उन्होंने भी कह दिया कि आपकी की एफडी का कोई रिकार्ड समिति के पास नही है इस कारण आपका का भुगतान कैसियर ही करेंगा।
समिति के पास नही है एफडी का रिकार्ड
बेवा आशा पाण्डेय पति स्व.उचितनारायण निवासी ग्राम भरतपुर द्वारा सेवा सहकारी समिति भरतपुर में तीस हजार की कराई गई एफडी का कोई दस्ताबेज समिति भरतपुर एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक शाखा रामपुर नैकिन व सीधी में नही है। बताया गया है कि सेवा सहकारी समिति में पदस्थ कैसियर द्वारा उपर-उपर ही बेबा की एफडी अपने हस्ताक्षर से कर,राशि को हजम कर गया। जबकि कैसियर को एफडी करने का कोई अधिकार ही नही था। समिति प्रबंधक से जो एफडी की जाती है तो उसकी जानकारी संबंधित बैंक की शाखा व मेन ब्रांच को दी जाती है और एफडी का भुगतान भी इसी तरीके से किया जाता हैं। किन्तु बेवा को इस बात की जानकारी नही थी इस कारण वह समिति में एफडी कराने गई और एफडी के नाम पर ठगी का शिकार हो गई। यही नही सेवा सहकारी समिति भरतपुर में करीब 22 लाख के ऐसे चेक प्रकाश में आये है जिनका भुगतान श्रमिको को न किया जा कर,राशि कैसियर द्वारा हजम कर लिया गया है।
3 वर्षो से कैसियर राशि देने का दे रहा था आश्वासन
एफडी का भुगतान देने का आश्वासन विगत 3 वर्षो से लगातार कैसियर द्वारा बेवा आशा पाण्डेय को दिया जा रहा है ताकि मामला पुलिस तक न पहुचे। इस संबंध में बेवा आशा पाण्डेय एवं उनके पुत्र कुलदीप पाण्डेय ने बताया कि सित बर 2014 से लगातार सेवा सहकारी समिति भरतपुर में पदस्थ कैसियर उमेश तिवारी द्वारा एफडी का 45 हजार रूपया दिये जाने की बात कह रहा हैं। जबकि आज दिनांक तक एक पैसे तक नही दिया। एफडी का भुगतान पाने के लिए मेरी मां दर-दर भटक रही है किन्तु कोई भी हमारी फरियाद नही सुन रहा है। इस संबंध में विगत वर्षे कलेक्टर जन सुनवाई में शिकायत की थी इसके बाद भी आज दिनांक तक न तो मेरा पैसा दिलाया गया और न ही कैसियर के विरूद्ध कोई कार्रवाई की गई। जिला केन्द्रीय सहकारी समिति के अधिकारी भी यही कहते है कि आपका भुगतान कैसियर ही करेगा,अगर नही करता तो आप पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दीजिये। किन्तु हम किसी का कोई नुकसान नही चाहते बस हमारी मेहनत की कमाई का पैसा हमें मिल जाये। सेवा सहकारी समिति भरतपुर का यह कोई अकेला मामला नही है इसी तरह कई किसान अपना जमा पैसा पाने के लिए भटक रहे है।
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अपने एफडी का भुगतान पाने के लिए 3 वर्षो से दर-दर भटक रही हूं और पैसा देने के नाम पर कैसियर ठगता चला आ रहा है किन्तु आज तक पैसा नही मिला। मेरी फरियाद समिति एवं बैंक के अधिकारी भी नही सुन रहे हैं।
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0 बेवा आशा पाण्डेय,भतरपुर
यह मामला मेरे कार्यकाल का नही है और न ही समिति एवं बैंक के पास बेवा आशा पाण्डेय के एफडी का कोई रिकार्ड ही हैं। कैसियर द्वारा स्वयं के हस्ताक्षर से एफडी की थी जो कि पूणर््त: अबैधानिक कृत्य है।
0 राजेश्वरी सिंह,समिति प्रबंधक,भरतपुर
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