चारा घोटालाः जगन्नाथ मिश्रा को दोहरा झटका, पहले पत्नी की मौत अब 5 साल की सजा

549 By 7newsindia.in Wed, Jan 24th 2018 / 20:07:57 कानून-अपराध     

तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके जगन्नाथ मिश्रा को दूसरा बड़ा झटका लगा है। पहला झटका सोमवार को हरियाणा में लगा जब पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी का देहांत हो गया। वहीं दूसरा झटका आज झारखंड में लगा जब रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें चारा घोटाले के तीसरे मामले में दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई। 

जगन्नाथ मिश्रा की पत्नी वीणा मिश्रा का इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में चल रहा है था, जहां सोमवार को उनका निधन हो गया। वहीं बुधवार को उन्हें चारा घोटाले के तीसरे मामले में सीबीआइ की रांची स्थित विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ मिश्रा केंद्र सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 

बता दें कि यह चाईबासा कोषागार से 36.67 करोड़ की अवैध निकासी का मामला है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है। यह मामला (आरसी 68 ए /96) चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 67 लाख 534 रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है। इसी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को भी पांच साल की सजा का एलान किया गया है। दोनों पर पांच-पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है, जब कि छह आरोपियों को इस मामले में बरी भी किया गया है। 

बता दें कि दो दिन पहले सोमवार शाम को जगन्नाथ मिश्रा की पत्नी वीणा मिश्रा का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में देहांत हो गया था। उन्होंने सोमवार शाम करीब पौने चार बजे आखिरी सांसें लीं। 75 वर्षीय वीणा मिश्र लंबे समय से बीमार थीं।

उनका इलाज मेतांदा के डॉ. बर्नाली दत्ता की देख-रेख में चल रहा था। डॉक्टरों के मुताबिक, वीणा के फेफड़ों में इंफेक्शन हुआ था। 

पिछले तीन-चार दिन से ज्यादा गंभीर हालत हो रही थी जिसके कारण उन्हें आइसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। सोमवार की सुबह जब हालत अधिक खराब हुई तो उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया, लेकिन शाम को निधन हो गया।

जगन्नाथ मिश्र - बिहार यूनिवर्सिटी से जेल तक का सफर

राजनीति में आने से पहले जगन्नाथ मिश्र अकादमिक क्षेत्र में थे। वह बिहार यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे। अध्यापन कार्य के दौरान ही वह कई राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में आए। वह सबसे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उस वक्त उनकी गिनती कांग्रेस से कद्दावर नेताओं में होने लगी थी। वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री बने- (1975 से 1977), (1980 से 1983), (1989 से 1990)। 90 के दशक के मध्य में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे। 

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