10 मिनट तड़-तड गिरते रहे ओले, बर्फ जैसी सफेद हो गई जमीन

547 By 7newsindia.in Sun, Feb 11th 2018 / 23:37:14 मध्य प्रदेश     
प्रदेश में लगातार बदल रहे मौसम के चलते रविवार दोपहर 1.45 बजे तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से फसलों को भारी नुकसान होगा। 15-20 मिनट तक हुई बारिश और ओलावृष्टि से राजधानी भोपाल में सफेदी की चादर बिछ गई। ऐसा ही हाल, बैतूल, छिंदवाड़ा और सतना जिलों समेत प्रदेश के कई हिस्सों में ओलावृष्टि हुई है। तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि से खिड़की और दरवाजों के कांच तक टूट गए। घरों में ओले की परतें जमा हो गईं। हालांकि 15 मिनट बाद ही धूप खिल गई। मौसम का मिजाज दो-तीन दिनों से बदला हुआ है। अचानक बादल छाए और ओलावृष्टि शुरू हो गई। 

बैतूल, सतना, छिंदवाड़ा में भी ओलावृष्टि 

-रविवार को भोपाल के साथ ही बैतूल, सतना, छिंदवाड़ा में भी ओलावृष्टि हुई। बैतूल जिले के चिचोली इलाके में सुबह 9 बजे 5 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। ये ओलावृष्टि फसलो को नुकसान पहुंचा सकती है।

-अचानक बादलों के आने के बाद तेज हवाओं के साथ ओले गिरने लगे। थोड़ी ही देर में चिचौली में जमीन पर सफेदी की चादर बिछ गई और लोग घर से बाहर निकलकर देखने लगे। कुछ बच्चे ओले हाथ में लेकर खेलने लगे। हालांकि मौसम बदलने से ठंडक फिर से बढ़ गई है। 

10 मिनट तड़-तड गिरते रहे ओले, बर्फ जैसी सफेद हो गई जमीन10 मिनट तड़-तड गिरते रहे ओले, बर्फ जैसी सफेद हो गई जमीन10 मिनट तड़-तड गिरते रहे ओले, बर्फ जैसी सफेद हो गई जमीन

पांच मिनट में जमीन हो गई सफेद 
-चिचौली में पांच मिनिट तक हुई ओलावृष्टि। इससे जमीन सफेद पड़ गई है। ओला देखने के लिए बच्चे और लोग बाहर निकल आए और हाथ में खेलने लगे। हालांकि बाद में फिर से धूप खिल गई है। सुबह चिचोली और आसपास बारिस के साथ ओले गिरने से मौसम में ठंडक घुली है। बैतूल बाजार, आरुल, मिलानपुर ,सोहागपुर, और आसपास के क्षेत्रों में भी बारिस की संभावना बनी हुई है। 

फसलों को होगा नुकसान 
-ओलावृष्टि के चलते गेहू, चना, मटर, मसूर की फसलों को नुकसान होने के साथ साथ आम, आचार, महुआ सहित जगंल मे होने वाली उपज को नुकसान पहुंचा है।
-बैतूल बाजार में आज सुबह से ही आसमान में काले बादलों ने डेरा जमाया हुआ है। 
-मौसम के खराब होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचने लगी है खासतौर पर गन्ना किसान परेशान हो गया है।
-किसानों के गुड़ घाने चल रहे है साथ ही ग्रामीण इलाकों में लगी चने की फसल जो कि कटने को तैयार है यदि ऐसेमें बारिश हुई या ओले गिरे तो किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी।

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