नारी की ताकत, जिन्होने आसमां को चूमा

रीवा। महिलाओं की सफलता से जुड़ी कहानियों का जिक्र हो और रीवा की अवनि चतुर्वेदी का नाम न आए ऐसा हो नहीं सकता। इनदिनों देश की महिलाओं और युवतियों के लिए वह आदर्श बन चुकी हैं। बचपन से शांत स्वभाव की अवनि का चित्रकारी से बड़ा लगाव रहा है। घर के लोग प्यार से बुलबुल कहते हैं। यह बुलबुल अब देश का फाइटर प्लेन उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल किया है।
रीवा के सिविल लाइन कालोनी में रहने वाले जल संसाधन के कार्यपालन यंत्री डीपी चतुर्वेदी की बेटी अवनि का चयन तीन साल पहले वायु सेना के लिए हुआ था।अवनि चतुर्वेदी ट्रेनिंग की सफलता के बाद 8 मार्च 2016 को वायुसेना ने हैदराबाद एयरफोर्स अकादमी में पासिंग आउड परेड के बादतीन महिला पायलटों को देश के सामने पेश किया था। जिसमें रीवा की अवनि चतुर्वेदी, बिहार के बेगूसराय की भावना कांत एवं गुजरात के बड़ोदरा की मोहना सिंह शामिल थी। उसी साल 18 जून को तीनों को वायुसेना में कमीशन किया गया था।
मन की एकाग्रता मंजिल की राह आसान बनाती है
अवनि का कहना है कि किसी कार्य में यदि मन एकाग्र है तो हर मंजिल को हासिल किया जा सकता है। बीटेक की पढ़ाई के बाद कम्प्यूटर साफ्टवेयर कंपनी में काम की इच्छा हुई तो आवेदन किया और चयन भी हो गया। बेंगलुरू में करीब एक वर्ष से अधिक समय तक वहां काम किया, अच्छे कार्य के चलते कंपनी प्रमोशन देना चाह रही थी। इसी बीच वायुसेना में जाने का अवसर मिला तो फाइटर प्लेन उड़ाने का लक्ष्य रखा।
हेलीकाप्टर और ट्रांसपोर्ट स्ट्रीम के जहाज तो महिलाएं उड़ाती हैं लेकिन फाइटर प्लेन उड़ाने में अब तक किसी को सफलता हाथ नहीं लगी। अवनि का कहना है कि उन्होंने लक्ष्य बनाया था कि फाइटर प्लेन जरूर उड़ाएंगे, पहला या दूसरा स्थान हासिल करने की कोई मंशा नहीं थी लेकिन संयोग रहा कि सबसे पहले मौका मिला।
कभी सोचा नहीं था ऐसा मुकाम मिलेगा
चपन से ही अवनि को प्लेन उड़ाने का शौक रहा है। पिता की मानें तो वह चित्र भी अक्सर प्लेन का बनाया करती थी, साथ ही कागज का प्लेन भी उड़ाकर खेला करती थी। कल्पना चावला को बचपन से ही अपना आदर्श
मानती रही है। वायुसेना में जाएगी और देश का फाइटर प्लेन उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बनेगा उसने भी कभी नहीं सोचा था।
भाई की वर्दी देख सेना में जाने का जज्बा आया
कालेज के दिनों में अवनि अच्छी पेंटिंग बनाती थी, वह शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाकर पेंटिंग के जरिए अभिव्यक्ति जाहिर करना चाह रही थी। इसी बीच उनके भाई नीरभ्र सेना में कैप्टन के पद पर चुने गए। भाई की वर्दी और सेना में अनुशासन के तरीकों को देखकर वह प्रभावित हुई और तैयारी शुरू कर दी। सेना में जाने का सपना तो पूरा हुआ लेकिन हौसले से वह मुकाम हासिल कर डाला जो देश के लिए गौरव बना हुआ है।
मिग-21 उड़ाकर रचा इतिहास
बीते 19 फरवरी 2018 को अवनी ने गुजरात के जामनगर में लड़ाकू विमान मिग- 21 को आधा घंटे तक सफलता पूर्वक उड़ाकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला पायलट बनी हैं। जब इसकी खबर बाहर आई तो केवल रीवा ही नहीं बल्कि देश भर की युवतियों में यह संदेश गया है कि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।