छुहिया घाटी की रेल टनल का काम शुरू

576 By 7newsindia.in Sun, Mar 18th 2018 / 15:32:27 मध्य प्रदेश     

रीवा Rituraj Dwivedi। ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत छुहिया पहाड़ में बनने वाली टनल का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। वन विभाग की एनओसी न मिलने से 6 महीने तक रुके इस कार्य को  रीवा एवं सीधी तरफ से शुरू कर दिया गया है। माना यह जा रहा है कि अगर कार्य में निरंतरता बनी रही तो दो वर्ष के अंदर टनल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

निर्माण की गुणवत्ता परखने आएंगे मुख्य अभियंता
गौरतलब है कि छुहिया घाटी में बनने वाले रेल टनल की लंबाई साढ़े 3 किलोमीटर है, जो प्रदेश की पहली सबसे लंबी टनल है। सुरंग निर्माण करने वाली दिल्ली की कंपनी ने काफी समय पहले गोविंदगढ़ में अपना डेरा डाल लिया था। लेकिन वह सुरंग निर्माण की प्रक्रिया इसलिए चालू नहीं कर पा रहा था क्योंकि इसके लिए वन विभाग की एनओसी रेलवे को नहीं मिल सकी थी। एनओसी मिल जाने के बाद कंपनी ने सुरंग निर्माण की शुरुआत कर दी है। बताया गया है कि पहले चरण में अभी खुदाई के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

प्रदेश की पहली टनल
साढ़े तीन किमी लंबी रेल सुरंग मध्य प्रदेश में कहीं और नहीं है। प्रदेश की लंबाई में छुहिया घाटी में बनने वाली सुरंग को पहली टनल बताया जा रहा है।

दो वर्ष में होगी तैयार
दिल्ली की अबीर इंटरप्राइजेज ने छुहिया घाटी में साढ़े तीन किलोमीटर की सुरंग निर्माण की प्रक्रिया लंबे इंतजार के बाद प्रारंभ कर दी है। हालांकि यह काम 6 माह पहले भी शुरू हो जाता लेकिन वन विभाग की एनओसी समय पर न मिलने की वजह से सुरंग निर्माण में विलंब हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक साढ़े तीन किलोमीटर की सुरंग का निर्माण पूरा होने में दो वर्ष का समय लगेगा और रेलवे के हैण्डओवर कर दिया जाएगा।

निरीक्षण में मुख्य अभियंता के आने की संभावना
छुहिया घाटी में बनने वाली टनल निर्माण के कार्यों को देखने के लिए मुख्य अभियंता रेल जबलपुर के आने की संभावना बताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया है कि अभी समय तय नहीं हो पाया है। फिर भी जो जानकारी जबलपुर से मिल रही है, उसमें यह बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह सुरंग निर्माण की प्रक्रिया एवं गुणवत्ता को देखने जबलपुर से अधिकारी आ रहे हैं। ऐसे में कंपनी एवं देखरेख में लगे इंजीनियरों की धड़कनें तेज हो गई हैं।

20 वर्ष पूर्व हुआ था भूमिपूजन
ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना की आधारशिला तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कार्यकाल में रखी गई थी। इसके बाद मामला ठण्डे बस्ते में चला गया। काफी समय बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने हाथों से खजुराहो में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना का वर्ष 1998 में भूमिपूजन किया था। इसके बावजूद अब तक वर्षों पुरानी यह रेल परियोजना साकार रूप नहीं ले पाई है। विंध्यवासियों को वर्षों से ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन परियोजना के साकार होने का बेसब्री से इंतजार था। देखना यह है कि मोदी सरकार ने इस परियोजना के लिए जो समय सीमा वर्ष 2022 तक की तय कर रखी है उसमें परियोजना कितना आगे बढ़ पाती है।

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