बजट सत्रः संसद में आज अविश्वास प्रस्ताव से होगा मोदी सरकार का सामना

615 By 7newsindia.in Mon, Mar 19th 2018 / 10:54:24 राजनीति     

नई दिल्ली:  संसद में आज मोदी सरकार को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है। चार सालों के कार्यकाल में पहली बार केंद्र सरकार के खिलाफ उसकी सहयोगी रही तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा स्पीकर को नोटिस दिया है।

टीडीपी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को इन

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दोनों पार्टियों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव संसद में हुए हंगामे के कारण पेश नहीं हो पाया था।

हालांकि मोदी सरकार की सेहत पर इन अविश्वास प्रस्ताव से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन सदन में सरकार के लिए यह नैतिक झटका साबित हो सकता है।

गौरतलब है कि संसद में तभी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है जब सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल रही हो और उस प्रस्ताव को कम से कम 50 सांसदों का समर्थन मिले।

कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, एसपी के अलावा लेफ्ट पार्टियों ने भी अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।

लोकसभा वेबसाइट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास 274 सांसद, कांग्रेस के पास 48, एआईएडीएमके के पास 37, टीएमसी के पास 34, बीजेडी के पास 20, शिव सेना के पास 18, टीडीपी के पास 16, टीआरएस के पास 11, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पास 9, वाईएसआर कांग्रेस के पास 9, एसपी के पास 7, एलजेपी के पास 6, एनसीपी के पास 6, आप के पास 4, आरजेडी के पास 4, एसएडी के पास 4, एआईयूडीएफ के 3, आरएलएसपी के 3, अपना दल 2, आरएलडी के 2, आईयूएमएल के 2, जेडीएस के 2, जेडीयू के 2, जेएमएम के 2, एआईएमआईएम के 1, एआईएनआरसी के 1, सीपीआई के 1, नेकां के 1, पीडीपी के 1, केईसीएम के 1, एनपीपी के 1, पीएमके के 1, आरसीपी के 1, एसडीएफ के 1, एसडब्‍ल्‍यूपी के 1 और 3 सांसद निर्दलीय हैं।

गौरतलब है कि बजट सत्र के पहले दो हफ्ते हंगामे की भेंट चढ़ गई और इस दौरान सरकार कई अहम बिल बिना चर्चा के ही पास कराने में सफल रही थी।

आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के फैसले के बाद इन चार सालों के शासन के दौरान वाईएसआर कांग्रेस पहली ऐसी पार्टी है जिसने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है।

वाईएसआर कांग्रेस के बाद लंबे समय तक एनडीए सरकार की सहयोगी रही टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। आंध्र प्रदेश में टीडीपी का मुख्य मुकाबला वाईएसआर कांग्रेस से ही है।

इस साल के बजट में आंध्र प्रदेश को पर्याप्त धन नहीं मिलने और विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने की वजह से ही टीडीपी ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था।

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