कलेक्टर ने स्कूली बच्चों से किया संवाद, कहानी के माध्यम से दी समझाइश दुष्टों पर विश्वास न करें

699 By 7newsindia.in Sat, Aug 26th 2017 / 17:48:31 प्रशासनिक     

रीवा : मिल बांचे मध्यप्रदेश कार्यक्रम में कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक ने शासकीय प्राथमिक शाला कन्या निपनिया के बच्चों के बीच पहुँचीं और उनसे संवाद स्थापित किया। कक्षा में पहुंचते ही कलेक्टर ने बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर उनसे कविता और कहानियाँ सुनीं। इसके बाद कलेक्टर ने बच्चों से पूंछा कि वह बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं? बच्चों ने जवाब दिया कि वह डाँक्टर, इन्जीनियर और पुलिस बनना चाहते हैं। कलेक्टर ने विद्यालयीन छात्रों से पहाड़ा और एबीसीडी भी सुनी। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी बरीकियों को बताते हुये कहा कि खुले में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सर्दी-जुकाम हो जाने पर खाँसी-छींक आते समय मुंह में कपड़ा रखें और मच्छरों से बचें। कलेक्टर ने बच्चों का ध्यान प्रकृति की तरफ आकृष्ट कराते हुए पेड़-पौधों की सुरक्षा करने को कहा। उन्होंने बच्चों को बारिश कैसे होती है, उसका सचित्र वर्णन भी कियाा।

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कलेक्टर ने बच्चों को अंत में पंडित और खूंखार शेर की कहानी सुनाई। जिसमें शेर को एक स्थान पर पिंजरे में बन्द कर दिया जाता है। शेर वहां से गुजर रहे पंडित से उसको अपना शिकार न बनाने का वादा करते हुये पिजरा खोलने का बार-बार विनम्र आग्रह करता है। बार-बार अनुरोध पर पंडित पिंजरा खोल देता है और शेर पंडित को खाने के लिये उस पर झपटता है लेकिन पेड़ पर बैठे यह सब देख रहे चतुर बंदर द्वारा उसकी जान बच जाती है। कहानी के माध्यम से कलेक्टर ने बताया कि बच्चों दुष्टों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए और मुसीबत में समझदारी से काम लेना चाहिए। 

इस दौरान कलेक्टर ने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को किताबी ज्ञान तक सीमित न रखें। उनसे बातें करें। आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें, उन्हें बोलना सिखायें।

शिक्षिका से पूंछा प्रश्न- कलेक्टर ने इस मौके पर स्कूल की शिक्षिका से विज्ञान से जुड़ा एक प्रश्न पूंछा। प्रश्न था कि पानी में पत्थर फेंकने पर वह डूब जाता है, जबकि बड़े-बड़े जहाज समुद्रों में तैरते रहते हैं। क्या कारण है? इस प्रश्न का शिक्षिका द्वारा सन्तोषजनक जवाब दिया गया।

 

  • छात्रों को बांटी गई पेंसिलें - मिल बांचे कार्यक्रम के दौरान छात्रों को पेंसिल, रबड़ सहित अन्य सामग्रियाँ वितरित की गयीं। बच्चे खुश नजर आये।

 

प्राथमिक शाला को शा.उ.मा.विद्यालय के परिसर में खाली पड़े भवन में लगाने के निर्देश- कलेक्टर ने प्राथमिक शाला कन्या निपनिया में बच्चों के बैठने के लिये कम स्थान होने की वजह से विद्यालय को शा.उ.मा. विद्यालय निपनिया के परिसर में खाली पड़े भवन में लगाने का निर्देश दिया।

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