भोज विवि : बिगड़ते हालात | परीक्षा खत्म होने के दो माह बाद भी जारी नहीं हुए बीए और बीएससी के परिणाम

480 By 7newsindia.in Wed, Aug 30th 2017 / 09:15:23 प्रशासनिक     

रीवा : मप्र भोज मुक्त विवि में धारा 33 के बाद शुरू हुई अव्यवस्थाओं के कारण रिजल्ट संबंधी कामकाज ठप हो गए हैं। सत्र 2016-17 की परीक्षा समाप्त होने के दो महीने बाद भी बीए और बीएससी की तीनों वर्ष की परीक्षाअों के रिजल्ट जारी नहीं हाे सके हैं। इस लेटलतीफी से एक ओर जहां सवा लाख छात्र प्रभावित हाे रहे हैं वहीं विवि का अकादमिक कैलेण्डर भी पिछड़ने की बातें सामने आने लगी है। 

                 राज्य सरकार ने मार्च में विवि में धारा 33 लगाकर डॉ. तारिक जफर को हटा दिया था। इस बदलाव के बाद विवि के अंदरूनी हालत काफी बिगड़ गए हैं। विवि प्रशासन इससे इंकार कर रहा है लेकिन अधिकारियों का कहना है कि विवि का कामकाज काफी हद तक प्रभावित होने लगा है। जानकारी के अनुसार रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी को करीब 1.57 करोड़ रुपए का भुगतान करना बाकी है। भुगतान में देरी के कारण रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया में रुकावटें आ रही हैं। उधर, सुरक्षा एजेंसी के तहत नियुक्ति करीब 80 कर्मचारियों को भी दो महीने से भुगतान नहीं होने के कारण भी विवि का कामकाज प्रभावित होने लगा है। 

सवा लाख छात्रों का रिजल्ट अटका

नए सत्र के लिए दाखिले की आखिरी तारीख 30 अगस्त 

विवि द्वारा सत्र 2016-17 के लिए आयोजित परीक्षा 15 जून को समाप्त हुई थी। जुलाई से पहले इन परीक्षाओं के रिजल्ट आने थे। लेकिन अभी तक केवल बीकॉम के ही रिजल्ट आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्नातक के रिजल्ट नहीं आने के कारण स्नातकोत्तर कोर्स में एडमिशन लेने वालों की संख्या भी काफी कम है। नए सत्र में दाखिले की आखिरी तारीख 30 अगस्त है। 

डायरेक्टर को हटाने के बाद बिगड़े हालत 

इस अव्यवस्था का एक कारण डायरेक्टर विद्यार्थी सहायता डाॅ. प्रवीण जैन के निलंबन को भी माना जा रहा है। डॉ. जैन करीब दस विभागों का काम संभाल रहे थे। उनके पास विद्यार्थी सहायता के साथ ही मुद्रण एवं वितरण, आईटी, आरटीआई, सीएम हेल्पलाइन, स्टोर, किताबों का लेखन कार्य, बीएड कोर्स आदि की जिम्मेदारी थी। उनके निलंबन के बाद यह विभाग अन्य स्टाफ में बांटे गए हैं। 

रिजल्ट पिछड़ने जैसी कोई बात नहीं है। एजेंसी डुप्लीकेट रिजल्ट को भी वेरीफाई करती है। इसमें समय लगता है। रिजल्ट अगले एक हफ्ते में जारी कर दिया जाएगा। रही बात सुरक्षा एजेंसी के तहत नियुक्त कर्मचारियों के वेतन की तो यह मामला विवि का नहीं है। इन कर्मचारियों को वेतन एजेंसी देती है। विवि पहले ही साफ कर चुका है कि गलत तरीके से किसी को भुगतान नहीं किया जाएगा।

                                                                                      डॉ. आरआर कन्हेरे, कुलपति मप्र भोज मुक्त विवि 

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