किसी महिला को पूरी तरह रक्षा मंत्रलय की कमान पहली बार, मंत्रिमंडल में 9 नए राज्यमंत्री, 4 को मिला प्रमोशन
नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में रविवार को साथ-साथ बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में नौ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसके अलावा चार वर्तमान राज्यमंत्रियों का रुतबा भी बढ़ा। निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेद्र प्रधान और पीयूष गोयल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। प्रदर्शन और क्षमता के आधार पर कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले गए। लेकिन, सब पर रक्षा मंत्रलय हावी हो गया। अपने हर कदम के साथ बड़ा संदेश देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्रलय की कमान निर्मला सीतारमण को देकर महिला शक्ति पर भरोसा जताया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को पूरी तरह से रक्षा मंत्रलय की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले इंदिरा गांधी के पास बतौर प्रधानमंत्री यह जिम्मेदारी भी थी। इसके अलावा सुरेश प्रभु की जगह रेल मंत्रलय की कमान प्रोन्नत किए गए पीयूष गोयल को सौंपी गई है।
निर्मला को रक्षा, पीयूष को रेल मंत्रलय
सिर्फ 3 मंकिसी महिला को पूरी तरह रक्षा मंत्रलय की कमान पहली बार, मंत्रिमंडल में 9 नए राज्यमंत्री, 4 को मिला प्रमोशन
जबकि सुरेश प्रभु को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय की कमान सौंपी गई है। यह मंत्रलय अभी तक निर्मला सीतारमण स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री के रूप में संभाल रही थीं। दस दिन पहले तीन तलाक के खिलाफ आए फैसले के बाद निर्मला की प्रोन्नति ने स्पष्ट संदेश छोड़ा है कि महिलाओं की बराबरी में कोई रोड़ा नहीं है। जाहिर है विस्तार में प्रशासनिक क्षमता के साथ-साथ चुनावी रणनीति को भी धार दी गई है। डेढ़ साल में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के इस संदेश से विपक्ष की परेशानी और बढ़े तो आश्चर्य नहीं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के लिए लोकप्रिय मोदी सरकार ने ही तीन तलाक जैसे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट मे खरी-खरी राय रखी थी। अब सरकार की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) में भी आधी आबादी की आधी भागीदारी होगी। सीसीएस में पीएम के अलावा गृह मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं। जाहिर है महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर इस फैसले ने सरकार को बड़ा हथियार दे दिया है।
- सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में अब आधी आबादी की आधी भागीदारी
- सुरेश प्रभु को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय की कमान सौंपी गई
राष्ट्रपति भवन में रविवार को मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेद्र प्रधान और पीयूष गोयल को मंत्री पद की शपथ दिलाते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद.
स्वतंत्र प्रभार से इनका कद बढ़ा
संतोष गंगवार : श्रम व रोजगार मंत्रलय। गिरिराज सिंह : सूक्ष्म, लघु व भारी उद्यम मंत्रलय,
स्वतंत्र प्रभार था, अब बने कैबिनेट मंत्री
निर्मला सीतारमण : व्यापार व वाणिज्य मंत्रलय संभाल रही थीं, अब रक्षा मंत्रलय।धर्मेद्र प्रधान : पेट्रोलियम राज्यमंत्री थे, कैबिनेट मंत्री के रूप में कौशल विकास का भी जिम्मा। मुख्तार अब्बास नकवी : अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री। पीयूष गोयल : कोयला राज्यमंत्री थे, रेलवे के साथ कोयला यथावत।
सिर्फ 3 मंत्री बढ़े, अब 76 :
मंत्रिमंडल के विस्तार से मंत्रियों की संख्या में सिर्फ तीन का इजाफा हुआ है। छह के इस्तीफे ले लिए गए थे। अब प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 73 से बढ़कर 76 हो गई है। अधिकतम 81 मंत्री बन सकते हैं।
मंत्री भी संगठन के अधीन :
पिछले तीन वर्षो में यूं तो स्पष्ट हो गया है कि सरकार में शामिल हाईप्रोफाइल मंत्री भी संगठन के अधीन हैं। रविवार को राष्ट्रपति भवन में यह स्पष्ट भी हो गया। प्रधानमंत्री के साथ ही कुर्सी पर अमित शाह बैठे थे। ध्यान रहे कि कैबिनेट विस्तार की कवायद में भी शाह की भूमिका ही अहम थी।
3 पूर्व अफसर स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री
हरदीप पुरी : पूर्व आइएफएस अफसर व राजनयिक हरदीप पुरी को शहरी विकास मिला।
आरके सिंह (बिहार): पूर्व आइएएस अफसर व भाजपा सांसद को ऊर्जा मंत्रलय।
अल्फोंस कन्ननथनम : केरल मूल के पूर्व आइएएस अधिकारी को पर्यटन मंत्रलय।
23 फीसद महिला कैबिनेट मंत्री
27 कैबिनेट मंत्रियों की सूची में अब छह यानी लगभग 23 फीसद महिला मंत्री हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार से ब्राrाण, ठाकुर और पिछड़े समुदाय को संदेश दिया गया है तो ओडिशा, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों को साधने की कोशिश हुई है। इन राज्यों को लेकर भाजपा की बड़ी महत्वाकांक्षा है।
क्या छीना, क्या दिया
सुरेश प्रभु : रेलवे लिया व्यापार और वाणिज्य मंत्रलय सौंपा।
उमा भारती : जल संसाधन व गंगा सफाई लेकर पेयजल व स्वच्छता दिया।
विजय गोयल : स्वतंत्र प्रभार वाला खेल मंत्रलय लेकर संसदीय कार्य, सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन के राज्यमंत्री बने।
अजरुन राम मेघवाल : वित्त राज्यमंत्री थे अब संसदीय कार्य दिया।
छह नए राज्यमंत्रियों को यह मिला सत्यपाल सिंह (उत्तर प्रदेश): पूर्व आइपीएस अफसर को मानव संसाधन विकास
शिव प्रताप शुक्ला (उत्तर प्रदेश): वित्त राज्य मंत्री
अश्विनी चौबे (बिहार): स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
वीरेंद्र कुमार (मप्र): महिला और बाल विकास
अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक): कौशल विकास
गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान): कृषि व किसान कल्याण,
सिर्फ 3 मंत्री बढ़े, अब 76 : मंत्रिमंडल के विस्तार से मंत्रियों की संख्या में सिर्फ तीन का इजाफा हुआ है। छह के इस्तीफे ले लिए गए थे। अब प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या 73 से बढ़कर 76 हो गई है। अधिकतम 81 मंत्री बन सकते हैं।
मंत्री भी संगठन के अधीन : पिछले तीन वर्षो में यूं तो स्पष्ट हो गया है कि सरकार में शामिल हाईप्रोफाइल मंत्री भी संगठन के अधीन हैं। रविवार को राष्ट्रपति भवन में यह स्पष्ट भी हो गया। प्रधानमंत्री के साथ ही कुर्सी पर अमित शाह बैठे थे। ध्यान रहे कि कैबिनेट विस्तार की कवायद में भी शाह की भूमिका ही अहम थी।
बढ़ीं जिम्मेदारियां नितिन गडकरी : सड़क परिवहन, जहाजरानी के साथ अब गंगा पुनरुद्धार भी। राज्यवर्धन सिंह राठौड़: सूचना व प्रसारण के साथ खेल मंत्रलय का स्वतंत्र प्रभार भी। स्मृति ईरानी : कपड़ा मंत्रलय के साथ सूचना व प्रसारण भी’ अल्फोंस और पुरी को छह माह में बनना होगा सांसद1’ पूर्व अफसर अल्फोंस कन्ननथनम और हरदीप सिंह पुरी फिलहाल संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। दोनों को छह माह में राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य बनना होगा।
युद्ध में महिलाओं की भूमिका पर विचार करेंगे: सीतारमण
नई दिल्ली : देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनने जा रहीं निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह खुले मन से महिलाओं के युद्ध में शामिल होने की भूमिका पर विचार करेंगी। यह मामला सिर्फ महिलाओं को संरक्षण देने का नहीं है। फिलहाल सीतारमण को नया प्रभार संभालने के लिए और कुछ दिन इंतजार करना होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली बतौर रक्षा मंत्री रविवार को ही दो दिन के जापान दौरे पर चले गए हैं। इतनी जल्दी निर्मला सीतारमण को दौरे के मकसद और ब्योरे देख पाना संभव नहीं होता इसलिये फिलहाल जेटली ही जापान गए। अब उनकी वापसी के बाद ही निर्मला को रक्षा मंत्री का प्रभार मिलेगा। एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के युद्ध करने की भूमिका से जुड़ी सभी फाइलें देखना चाहती हैं, ताकि पता चले कि वास्तव में उनकी स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि जब वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य थीं तो महिला सशक्तीकरण और सही मायनों में उनके सशक्तीकरण की आवश्यकता पर बहुत चर्चा होती थी। यह पूछने पर कि उन्हें रक्षा मंत्री बनाया जाना क्या नई परंपरा की शुरुआत है, उन्होंने कहा कि मेरे विचार से प्रधानमंत्री ने महिलाओं का हमेशा समर्थन किया है। मुङो लगता है कि आज उन्होंने बड़ा संदेश दिया है। इसका इंतजार भारतीय महिलाओं को अरसे से था। अब यह हमारे ऊपर है कि हम अच्छा काम करके अच्छे नतीजे दें। उन्हें पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर र्पीकर और संघ के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने भी बधाई दी।
कोई ऐसा शख्स जो छोटे शहर से आया हो, पार्टी नेतृत्व के समर्थन से आगे बढ़ा हो और यदि उसे ऐसी कोई अहम जिम्मेदारी दी जाती है, तो कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि कहीं न कहीं दैवीय कृपा तो है वरना यह संभव नहीं होता। निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री
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