जोन प्रभारी ने कहा, गलत है सीवरेज लाइन, सीवरेज प्रभारी कहते रहे, यही है नियम

439 By 7newsindia.in Tue, Sep 26th 2017 / 14:41:40 प्रशासनिक     

रीवा। अमृत योजना का सीवरेज प्रोजेक्ट अभी तक जनता की ही समस्या था, अब यह निगम अधिकारियों के बीच नोक- झोक का कारण भी बन रहा है। सोमवार को सीवरेज लाइन डालने को लेकर दो सहायक यंत्रियों में आपसी विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। जनता की परेशानी के बाद अब निगम अधिकारी भी अनुबंधित कंपनी द्वारा लापरवाहीपूर्वक किए जा रहे कामों से परेशान हो रहे हैं। इस संबंध में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी करने के बाद भी आदेशों की अनदेखी कर काम किया जा रहा है। इस बात को लेकर जोन प्रभारी एचके त्रिपाठी व सीवरेज प्रभारी एसके चतुर्वेदी के बीच सोमवार को जमकर बहस हुई। जोन प्रभारी इस बात को लेकर आक्रोश में थे कि सीवरेज योजना का काम उनके जोन में गलत किया जा रहा है। उनके मना करने के बाद भी कंपनी प्रतिनिधि मनमानी खुदाई कर रहे हंै, उनकी बात को नहीं सुना जा रहा है। वहीं सीवरेज प्रभारी काम नियमानुसार होने की बात कह रहे थे। इस बात को लेकर शुरू हुई बात देखते ही देखते बहस का कारण बन गई। दोनों अधिकारियों के बीच करीब 20 मिनट तक नोक-झोक चलती रही। बाद में अधिकारी शांत होकर अपने-अपने चेंबर में चले गए। इस बात की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से भी की गई है।

  • सीवरेज कनेक्शन को लेकर सहायक यंत्री आमने-सामने, जनता हो रही परेशान विभाग के आदेशों की अनदेखी कर रही अनुबंधित कंपनी 

ये है मामला  
वार्ड क्रमांक 13 नेहरू नगर व वार्ड 11 इंद्रा नगर में सीवरेज योजना के लिए अनुबंधित केके स्पन कंपनी द्वारा काम शुरू किया गया है। काम लापरवाहीपूर्वक किया जा रहा है, जिससे जनता को परेशानी हो रही है। कपंनी ने 20 से 40 फिट की सडक के बीचोंबीच खोदाई कर दी है। जहां एक ओर कंाक्रीट सडक खराब की जा रही है, दूसरी ओर निकलने के लिए रास्ता पूरी तरह से जाम हो गया है। इसी बात को लेकर जोन प्रभारी सीवरेज प्रभारी के पास पहुंचे थे। उनका कहना था कि सडक से मात्र दो इंच नीचे पाइप डाली जा रही है। पाइप का व्यास भी कम है। पाइप कम से कम छह इंच नीचे डाली जानी चाहिए। पाइपलाइन घरों के स्तर से ऊपर होने से जहां एक ओर दबाव पडने पर पाइप लाइन सडक से बाहर हो जाएगी, वहीं इसका पानी पाइपों से सह्रश्वलाई होने के बजाय लोगों के घर मे उल्टा जाएगा। पेयजल लाइन से ऊपर पाइपलाइन डाली जा रही है। इसी बात को लेकर अधिकारियों के बीच बहस शुरू हो गई।

 

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