अरुण जेटली : विकास चाहने वाले उसकी कीमत चुकाने को भी रहें तैयार...

464 By 7newsindia.in Sun, Oct 1st 2017 / 16:21:17 राजनीति     

नई दिल्ली। देश के विकास और आर्थिक व्यस्था पर सवाल उठाने वालों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आड़े हाथों लिया है। जेटली ने ऐसे लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि जिन्हें देश का विकास चाहिए उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी होगी और इस पैसे को ईमानदारी से खर्च किया जाना जरूरी है। जेटली रविवार को कस्टम एक्साइज और नारकोटिक्स के स्थापना दिवस और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों (सी एंड सीई) के 67वें बैच के पासिंग आउट कार्यक्रम शिरकत करने आए थे। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व सरकार की लाइफ लाइन है और यह भारत को विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मददगार साबित होगा।

बदलाव की राह पर अर्थ व्यवस्था

जेटली ने कहा कि वह समाज जहां परंपरागत रूप से लोग टैक्स भरने को शिकायत नहीं मानते, धीरे-धीरे टैक्स भरने का महत्व समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी समय के साथ—साथ और भी ऐसे कई सुधार देखने को मिलेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर प्रणाली के एकीकरण का अहम कारण है। इसके जब एक बार बदलाव स्थापित हो जाएगा तो हमारे पास सुधार की काफी गुंजाइश होगी। अर्थव्यवस्था के रेवेन्यू न्यूट्रल होने जाने पर हमें बेहतर सुधारों के बारे में सोचना होगा।
उन्होंने कर अनुपालन पर जोर देते हुए कहा कि टैक्सेशन में कोई ग्रे एरिया नहीं है। यहां बस केवल कर अधिकारियों को दृढ़ और ईमानदार होने की जरूरत है ताकि जो लोग टैक्स दायरे में हैं वे भुगतान करे सकें और वे लोग जो टैक्स के दायरे में नहीं आते उन्हें इसका सामना न करना पड़े।

अप्रत्यक्ष कर पर टिका था देश

वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि एक समय था जब भारतीय प्रशासनिक सेवा एलीट समझी जाती थी, लेकिन अब इस सेवा में समाज के प्रत्येक धर्म, वर्ग व जाति के लोग आने के कारण यह भारतीय समाज का आईना बन गई है। जेटली ने कहा कि जड़ों से जुड़े रहना बेहद जरूरी है और पिछले दो सालों में अफसरों को यह मौका मिला है कि वे देश को करीब से देख सके और समाज की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगा सकें। वित्त मंत्री के मुताबिक जब अर्थव्यवस्था बढ़ रही थी तो देश अप्रत्यक्ष कर के सहारे टिका था। प्रत्यक्ष कर एक खास वर्ग देता था, जबकि अप्रत्यक्ष कर के बोझ का समना सबको करना पड़ रहा था।

 

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