मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक की प्रथा से आजाद होने का मौका मिला: बिल पास होने पर मोदी..

486 By 7newsindia.in Sun, Dec 31st 2017 / 19:05:09 राजनीति     

नई दिल्ली. ट्रिपल तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत पर लोकसभा में बिल पास होने के मसले पर नरेंद्र मोदी ने रविवार को पहला रिएक्शन दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "सालों की तकलीफ सहने के बाद मुस्लिम औरतों को खुद को इस प्रथा से आजाद करने का मौका मिला।' मोदी ने कहा, "हमारी सरकार कालाधन, भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति, जातिवाद और आतंकवाद जैसी चीजों के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी। नए साल में सभी लोग मिलकर देश के चहुंमुखी विकास के लिए काम करें।' बता दें कि नरेंद्र मोदी ने रविवार को 39वीं बार लोगों से मन की बात की। इसमें मोदी नए साल में पॉजिटिविटी, नए संकल्प, न्यू इंडिया और सरकार के विजन पर बात की।
कहां और क्या कहा प्रधानंमत्री ने?
1) ट्रिपल तलाक से हुई परेशानियां किसी से छिपी नहीं
- नरेंद्र मोदी वरकला (केरल) के शिवगिरि मठ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
- मोदी ने ट्रिपल तलाक बिल का नाम लिए बगैर कहा,"ट्रिपल तलाक से हमारी बहनों और माताओं को जो परेशानियां हुईं, वो किसी से छिपी नहीं हैं। उन्हें इस प्रथा (तलाक-ए-बिद्दत) से खुद को आजाद करने का एक रास्ता मिला है।"
2) महिलाओं के अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई
- मोदी ने कहा, "ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई, राजा राममोहन रॉय, ईश्वर चंद विद्यासागर और दयानंद सरस्वती जैसे सुधारकों ने महिलाओं के अधिकारों के लिए और उन्हें सशक्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। आज ये देखकर उनकी आत्मा को काफी खुशी हुई होगी कि महिला अधिकारों के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है।"
3) जाति और धर्म से ऊपर उठकर काम करें लोग
- पीएम बोले, "नए साल में भी रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र पर काम होगा। सबका साथ, सबका विकास की तर्ज पर सरकार काम करेगी। लोगों को जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी की भलाई के लिए काम करना चाहिए। लोगों को कर्म में विश्वास करना चाहिए ताकि आने वाले वक्त में भारत और तरक्की करे, खुशहाल रहे।"
मन की बात में क्या बोले नरेंद्र मोदी?
- मोदी ने कहा, "मन की बात का यह इस साल का आखिरी कार्यक्रम है। संयोग ये है कि ये आज साल का आखिरी दिन भी है। मन की बात के लिए आपके कई सुझाव मिले।''
- "यह मेरे लिए अच्छा रहा। साल बदलेगा। नए साल में नए अनुभव शेयर करेंगे। नए साल की शुभकामनाएं।''
- "पिछले दिनों क्रिसमस का त्योहार मनाया गया। ईसा मसीह ने सबसे ज्यादा सेवाभाव पर बल दिया है। यह दिखाता है कि सेवा का महात्म्य क्या है। सेवा भाव मानवीय मूल्यों की बात है। हमारे देश में निष्काम सेवा की बात है। जीव सेवा यानी मानव सेवा और ईश्वर सेवा है। आने वाले साल में इन्हीं मूल्यों को याद रखना है।''

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