डेडलाइन खत्म, उम्मीद बरकरार... 8 अगस्त को डूब प्रभावितों का दर्द सुनेगा सुप्रीम कोर्ट

446 By 7newsindia.in Tue, Aug 1st 2017 / 08:28:18 मध्य प्रदेश     

नर्मदा डूब प्रभावितों के पुनर्वास की सोमवार को डेडलाइन खत्म हो गई। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में डूब प्रभावितों के पुनर्वास की कार्रवाई पर रोक लगाने संबंधी याचिका स्थगित हो गई। अब 8 अगस्त को सुनवाई होगी। विस्थापितों को उम्मीद बंधी है कि देर से ही सही कुछ ठीक होगा। उधर, डूब प्रभावितों द्वारा सोमवार को पूरे इलाके में रास्ते रोके गए। अनशन और धरने भी जारी हैं। खंडवा-बड़ौदा स्टेट हाईवे और चिखल्दा में ग्रामीणों ने दो घंटे चक्काजाम कर नारेबाजी की। चिखल्दा समेत नर्मदा घाटी के कई गांवों में चूल्हे नहीं जले। एनबीए कार्यकर्ता मेधा पाटकर को मनाने पुलिस और प्रशासन के अफसर आए और उनसे हेल्थ चेकअप की गुजारिश की। 27 जुलाई से अनशन पर बैठीं मेधा ने कहा कि आप 40 हजार परिवारों पर ध्यान दीजिए। मैं ठीक हूं।

                      8 अगस्त को डूब प्रभावितों का दर्द सुनेगा सुप्रीम कोर्ट... सुनवाई की तारीख से उम्मीद बंधी : बांध विस्थापितों के वॉट्सएप ग्रुप्स में कोर्ट की तारीख की खबर तेजी से गांवों में फैली अौर हर कहीं तात्कालिक राहत महसूस की गई। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अब केस की सुनवाई के लिए राजी हो गया है। इसका मतलब विस्थापन की 31 जुलाई की डेडलाइन का कोई अर्थ नहीं है। अब सरकार को विस्थापन पर फोकस करने की बजाए पुनर्वास के बेहतर प्रयास करने चाहिए और बांध में पानी न बढ़े इसके लिए लेवल स्थिर रखना चाहिए अन्यथा यह सीधे कोर्ट की अवमानना होगी। सोमवार को दिन में रुक-रुककर बारिश हुई इसकी वजह से पुनर्वास स्थलों पर युद्धस्तर पर की जा रही सरकारी तैयारियों में रुकावट पैदा हो गई है। अब भी यहां आकर लोगों के रहने की स्थितियां नहीं हैं। 

 

सरकार का दावा... 4986 परिवारों का होना है विस्थापन 30% ऐसी जगह रह रहे, जहां पानी आने की संभावना नहीं 

सरदार सरोवर डैम के डूब क्षेत्र में आने वाले धार और बड़वानी जिले के मात्र 4986 परिवारों को विस्थापित करना है। सरकार अभी तक 2 हजार करोड़ से अधिक मुआवजा बांट चुकी है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रजनीश वैश्य ने बताया कि 23,614 में से 18,628 परिवारों का विस्थापन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जमीन का अधिग्रहण डेम की ऊंचाई 143 मीटर के मद्देनजर किया गया है। जबकि डैम की ऊंचाई 138.68 मीटर तय की गई है। इस हिसाब से दोनों जिलों के 74 गांवों में रह रहे 4986 परिवारों में से 30 प्रतिशत ऐसी जगह रह रहे हैं जहां पानी आने की संभावना नहीं है। डैम का भराव 138 मीटर से ज्यादा किया जाएगा। ऐसे में करीब 1500 परिवारों को कोई खतरा नहीं है। 

 

 

कई गांवों में नहीं जले चूल्हे 

31 जुलाई 121.03 मीटर 

10 अगस्त 127.40 मीटर 

20 अगस्त 130.55 मीटर 

30 अगस्त 130.59 मीटर 

10 सितंबर 132.43 मीटर 

20 सितंबर 134.24 मीटर 

30 सितंबर 135.56 मीटर 

10 अक्टूबर 137.21 मीटर 

20 अक्टूबर 138.68 मीटर 


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