अफसरों ने नाबालिगों को बनाया बालिग, मुआवजा बांटने में 3.5 करोड़ का फर्जीवाड़ा

467 By 7newsindia.in Wed, Aug 9th 2017 / 06:09:48 प्रशासनिक     

भोपाल । सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में विस्थापन से जुड़ा भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। लोकायुक्त ने इस मामले में एसटीआर के अफसरों पर केस दर्ज किया है। विस्थापन के मामले में अब तक यह चौथा प्रकरण है, जो लोकायुक्त में दर्ज हुआ है।

लोकायुक्त के विधि सलाहकार एनके शुक्ला के मुताबिक यह प्रकरण पूर्व एसडीओ आरपी चौहान, रेंजर नवल सिंह चौहान सहित एक प्रधान पाठक के खिलाफ दर्ज किया गया है। लोकायुक्त में शिकायत करने वाले सोहागपुर निवासी मोहनसिंह चौहान का आरोप है कि विस्थापन प्रक्रिया में नाबालिगों को बालिग बताकर बड़े पैमाने पर फर्जी मुआवजा बांटा गया। इसके लिए 38 नाबालिगों के स्कूल के रिकार्ड में हेरफेर किया गया। प्रत्येक नाबालिग को दस लाख मुआवजा दिया गया, इस तरह साढ़े तीन करोड़ से अधिक का मुआवजा बांटा गया।
38 नाबालिगों को उम्र बदलकर बना दिया बालिग:
इटारसी के तत्कालीन एसडीओ और रेंजर ने स्कूल के दाखिला रजिस्टर में हेरफेर किया। रतिबंदर गांव के विस्थापन में 38 नाबालिग बच्चों की उम्र बदलकर शासन को साढ़े तीन करोड़ से अधिक का चूना लगाया गया। पूर्व में रतिबंदर के 13 आदिवासियों ने भी शपथपत्र देकर शिकायत की थी एक -एक लाख रूपए लेकर सूची में नाम जोड़े जा रहे हैं। शिकायत में यह भी आरोप लगा है कि अधिकारियों ने दैहिक शोषण तक किया है।
मुआवजा बांटने के थे दो विकल्प, जिसमें खूब हुआ भ्रष्टाचार
विकल्प-1.दस लाख रूपए: विस्थापन की प्रक्रिया में प्रत्येक बालिग को एक यूनिट माना गया। प्रत्येक यूनिट को दस लाख रूपए नकद दिए जाने का प्रावधान रखा गया।
विकल्प-2.10 लाख रुपए नगद नहीं लेने वाले को दो हेक्टेयर जमीन और मकान बनाने के लिए ढाई लाख रूपए नगद दिए जाने का प्रावधान किया गया।
इससे पहले तीन केस हो चुके हैं दर्ज
1. जमीन को खेती के लायक बनाने के लिए मशीन चलाने में भ्रष्टाचार के आरोप एसटीआर अधिकारियों पर लगे। इसमें ग्राम बोरी में जेसीबी चलाने के टेंडर के विपरीत भुगतान करने में करीब 6 करोड़ के गोलमाल के आरोप में केस दर्ज।
2. ग्राम चूरना के विस्थापन में खेत बनाने के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर चलाने के भुगतान में फर्जीवाड़े का केस लोकायुक्त में दर्ज हुआ। इसमें टेंडर प्रक्रिया के विपरीत भुगतान कर करोड़ो की चपत लगना बताया गया।
3. ग्राम कांकडी में जेसीबी और ट्रैक्टर चलाने के लिए टेंडर की शर्तो के विपरीत फर्जी तरीके से भुगतान करने के मामले में लोकायुक्त में केस दर्ज हुआ।
एक ही नाम और वल्दीयत वाले सूची में दो-दो नाम
शिकायतकर्ता मोहनसिंह ने लोकायुक्त को जो स्कूल दाखिला की सूची सौंपी है, उससे साफ है कि रतिबंदर में एक ही छात्र के नाम पर दो-दो बार मुआवजा निकाला गया। उदाहरण के तौर पर- स्कूल के रजिस्टर में दाखिला क्रमांक- 21 पर सुखदेव पिता सेऊ गोंड का नाम है। यही नाम दाखिला क्रमांक-24 पर भी है। छात्र और उसके पिता का नाम तो एक ही है, सिर्फ जन्म तारीख बदली हुई है। 38 नामों वाली इस सूची में ज्यादातर के नाम दो बार हैं। इतना ही नहीं छात्रों की उम्र भी 5 से 7 साल तक कांटछांट कर बढ़ाई गई है।

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